मधुबनी : जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला बाल सलाहकार परिषद की त्रैमासिक बैठक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

मधुबनी : जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला बाल सलाहकार परिषद की त्रैमासिक बैठक

चाइल्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जिन बच्चों को छुड़ाया जाता है, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का दिया निर्देश। रेलवे स्टेशन, मधुबनी के प्लेटफार्म पर भी चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट का केंद्र स्थापित करने का दिया निर्देश, पंचायत एवं  वार्ड  स्तर पर बाल संरक्षण इकाइयों के गठन करने का दिया निर्देश। 

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मधुबनी : जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला बाल सलाहकार परिषद की त्रैमासिक बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित हुई। बैठक के दौरान बाल अधिकारों एवं उनके संरक्षण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा हुई। इनमें किशोर न्याय परिषद, मधुबनी, बाल कल्याण समिति, मधुबनी, बालिका गृह, बालक गृह, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण, बाल गृह (बालक), मधुबनी से संबंधित मामलों के साथ साथ गुमसुदा बच्चों की प्राप्ति के बाद उनका उम्र निर्धारण, बालक एवं बालिका गृहों के बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधा, जिला परवरिश योजना, चाइल्ड लाइन एक्ट के दायरे में आए हुए बच्चों को मुख्य धारा में लाने, बाल विवाह के मामलों पर कार्रवाई, जिले में मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के दायरे में चाइल्ड लाइन के बच्चों का समावेशन, चाइल्ड ट्रैफिकिंग व स्पेशल जूबिनाइल प्रोटेक्शन यूनिट आदि से संबंधित मामलों पर विस्तृत चर्चा हुए व जिलाधिकारी द्वारा विस्तृत निर्देश दिए गए। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि बाल संरक्षण गृह  (बालक)  एवं बाल संरक्षण गृह (बालिका) में पूर्व निर्धारित मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इनमें कौशल विकास हेतु सिलाई कढ़ाई व चित्रकारी का प्रशिक्षण भी दिया जाए। उनके द्वारा कन्या विवाह योजना के अंतर्गत लंबित मामलों की समीक्षा भी की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि चाइल्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जिन बच्चों को छुड़ाया जाता है, उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य भी किया जाए। उन्होंने इसके लिए सतत शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया और सरकारी के साथ साथ निजी विद्यालयों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाने पर जोड़ दिया।  उन्होंने रेलवे स्टेशन, मधुबनी के प्लेटफार्म पर भी चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट का केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बॉर्डर एरिया में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की सराहना की और ह्यूमन ट्रैफिकिंग में उनकी और प्रखर भूमिका की उम्मीद जताई। उन्होंने  सीमा सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस और मानव तस्करी रोकने की दिशा में कार्य करने वाले एनजीओ के बीच बेहतर समन्वय पर बल दिया और कहा कि इससे कई मासूमों के अधिकारों की रक्षा बेहतर तरीके से की जा सकती है। उन्होंने चाइल्ड लाइन के साथ जुड़कर बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाले वॉलंटियर की भी भूरी भूरी सराहना की और कहा कि उनके सक्रिय भूमिका से बाल श्रमिकों और बाल विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के न केवल प्रखंड बल्कि सभी पंचायत व सभी वार्डों के स्तर पर बाल संरक्षण इकाइयों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि इनके गठन के उपरांत सभी इकाइयों को बाल अधिकारों की जानकारियां और मानव तस्करी से जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी साझा करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएं। इससे जिले में बाल संरक्षण की दिशा में प्रभावी तरीके से कार्य किया जा सकता है। उक्त अवसर पर उप विकास आयुक्त, विशाल राज, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, साहब रसूल, प्रभारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस, कविता कुमारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (मुख्यालय), प्रभाकर तिवारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, शैलेंद्र कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, गोपाल कुमार सिंह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, बिंदुभूषण ठाकुर, सचिव, सर्वो प्रयास संस्थान, श्रीमती निर्मला, प्रभारी अधीक्षक, बाल गृह, सुनील कुमार, प्रभारी अधीक्षक, बालिका गृह, रानी झा,  समन्वयक, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, प्रेम कुमार, समन्वयक, चाइल्ड लाइन, सन्नी कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई  की रेखा झा सहित अन्य संबंधित अधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।

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