पटना, राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र चौहान,प्रधान महासचिव नरेश महतो एवं मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता नीलमणि पटेल ने संयुक्त वक्तव्य जारी करते हुए कहा की भारतीय जनता पार्टी के सामाजिक न्याय पखवाड़ा कार्यक्रम से देश मे दलित, पिछड़ा एवं सामाजिक रुप से वंचित वर्गों की भाजपा मे भागीदारी से विपक्षी दल बेचैन है। बिहार मे इसका खासा असर देखने को मिल रहा है। इस कार्यक्रम से जहा एक ओर देश के आम लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किए गए लोक कल्याणकारी कार्यों की पुरी जानकारी मिल रही है वहि दुसरी ओर विपक्षी दलो के हाथ पाव फुलने लगे है। बिहार मे महागठबन्धन सरकार की निंद उर चुकि है। मोर्चा नेताओं ने कहा कि बिहार में पिछड़ा,अति पिछड़ा,दलित एवं सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए विकासशील योजनाओं की सही जानकारी प्राप्त होना जरूरी है ताकि इन वर्गों को उन सभी योजनाओं का लाभ मिल सके जो केंद्र सरकार ने जनहित में क्रियान्वयन की है। मोर्चा नेताओं ने आगे कहा की देश के गरीबों,दलितों,सामाजिक रुप से वंचित वर्गों के लिए स्वास्थ्य योजनाओं में आयुष्मान भारत योजना एक ऐसी योजना है जिससे देश के गरीब लोगों को सरकारी खर्च पर अस्पताल मे इलाज की सुविधा मिल रही हैं। पीएम आवास योजना,गरीब कल्याण योजना, उज्जवला योजना सहित कई और भी ऐसी योजनाएं है जिससे देश के गरीब, दलित,पिछड़े,अति पिछड़े वर्गों को लाभ प्राप्त हो रहे हैं। देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जनकल्याण एवं गरीबों के उत्थान व विकास के लिए लगातार मजबूती के साथ काम कर रहे है। सामाजिक न्याय मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताती है कि उन्होंने सामाजिक रूप से वंचित वर्गो के अलावे देश के गरीब, किसान, नौजवान एवं आम जनों के हित में कई योजनाओं को लागू करने का काम किया है। प्रधानमंत्री जी के विकासवादी नीतियों की बदौलत देश एवं प्रदेश मे विकास की रफ्तार तीव्र गति से बढ़ रही है।
सोमवार, 10 अप्रैल 2023
Home
बिहार
बिहार : गरीबों दलितों पिछड़ों एवं वंचित तबकों की भाजपा में भागीदारी से विपक्ष बेचैन : मोर्चा
बिहार : गरीबों दलितों पिछड़ों एवं वंचित तबकों की भाजपा में भागीदारी से विपक्ष बेचैन : मोर्चा
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें