कविता : गांव का हाल अब देखा नहीं जाता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 मई 2023

कविता : गांव का हाल अब देखा नहीं जाता

गांव का हाल अब मुझसे देखा नहीं जाता,

लड़कियों के लिए ताने अब सहा नहीं जाता,

गांव की हालत अब ऐसी हो गई,

लड़कियों को पराया धन समझा गया है,

अरे गांव के लोगों ! बाहर की दुनिया देखो,

कहां से कहां पहुंच गई है लड़कियां,

लड़कियों को भी एक बार मौका दीजिए,

उन पर भी एक बार भरोसा कीजिए,

कोई पुलिस, कोई डॉक्टर, कोई अफसर,

इनको अपनी आंखों से देख लिजिए,

लड़कियां पराया धन है ये काला पर्दा हटा दिजिए अब,

दूसरों की सुनने वालों अपने आप की सुनोगे कब?

लड़कियां क्या कुछ कर नहीं सकती हैं,

मां बाप की हिम्मत देखकर दुनिया वालों से भी लड़ सकती हैं,

दुनिया चाहे कुछ भी कहे,

लड़कियों को रुकने देना मत,

उनके अंदर भी कुछ चाह होगी,

पढ़ने लिखने को वो तड़पती होगी,

गांव वाले क्या कुछ नहीं कहेंगे,

उनकी सोच को हमें अब बदलना है,

लड़कियां भी कुछ कर सकती हैं, ये सबको बताना है।।




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नेहा गोस्वामी

चौरसो, गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

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