विशेष : रोने की हजार वजहें कम पड़ जाएं यदि हंसने की एक वजह मिल जाए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 मई 2023

विशेष : रोने की हजार वजहें कम पड़ जाएं यदि हंसने की एक वजह मिल जाए

आज के भागदौड़ भरे जीवन में लोग तनाव और डिप्रेशन जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इससे न सिर्फ इंसान का काम प्रभावित होता है, बल्कि इसका असर उसके जीवन और परिवार पर भी पड़ता है। आजकल तो चारों तरफ के हालात देखकर व्यक्ति वैसे ही परेशान रहता है। लेकिन हमें अपनी जिंदगी में जरूर खुश रहना चाहिए और हंसना चाहिए। डिप्रेशन और तनाव दूर करने के लिए हंसना सबसे प्रभावी माना जाता है। हंसने से न सिर्फ वह इंसान खुशी महसूस करता है बल्कि उसके आसपास के लोगों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है। हंसने से रोग दूर होते हैं और दिल के साथ-साथ दिमाग भी स्वस्थ रहता है। लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि बात करते समय हम जितनी ऑक्सीजन लेते हैं, उससे छह गुना ज्यादा ऑक्सीजन हम हंसते समय लेते हैं। इंसान के जीवन में हंसी के पल बढ़ाने के लिए विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है। शरीर में एंडोर्फिन का स्राव होने से हंसी दर्द को कम करने के साथ ही मांसपेशियों के तनाव को भी कम करती है. यह मई महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। विश्व हास्य दिवस लोगों में हंसी के स्वास्थ्य लाभ और चिकित्सीय प्रभावों को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है

Life-and-happiness
आधुनिक जीवनशैली में तकनीकी विकास ने हमें बहुत सारी चीजें दी हैं, बहुत-सी सुविधाएं प्रदान की हैं। लेकिन बहुत कुछ छीन भी लिया है। इनमें हंसी और खुशी भी शामिल हैं। तमाम भौतिक संसाधनों और सुख-सुविधाओं ने जीवन को आरामदेह और आसान तो बना दिया लेकिन हमसे हमारा वक्त, खुशियां और मुस्कराहटें छीन लीं। ऐसे में हास्य योग मनुष्य के जीवन में बहुत उपयोगी है, इंसान को जिंदगी हंसते-हंसाते हुए गुजारनी चाहिए। जिंदगी में हंसते हुए रहने से शरीर भी पूर्ण रूप से स्वस्थ्य रहता है। हास्य योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपूर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं। यह व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाती है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाती है। बता दें, हमारी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिनके कारण हम कई बार खुश होते हैं तो कई बार उदास भी होते हैं। लेकिन सच तो यह है कि भले ही हालात कैसे भी हो, व्यक्ति को हमेशा खुश और हंसता हुआ रहना चाहिए। विश्व हास्य दिवस को अमल में लाने का श्रेय योग आंदोलन के संस्थापक डॉक्टर मदन कटारिया को जाता है। 11 जनवरी 1998 को उन्होंने पहली बार विश्व हास्य दिवस मनाया था। इसके पीछे उनका उद्देश्य समाज के बढ़ते तनाव को कम करके उन्हें सुखी जीवन जीने की सीख देना था। ऐसे में तब से लेकर अब हर साल मई महीने के पहले रविवार को सकारात्मक ऊर्जा और भाव प्रकट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। हंसना हमारे शरीर के लिए इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि इससे हमारे शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि हंसने से खून बढ़ता है। इसलिए व्यक्ति को हंसते रहना चाहिए। जो लोग तनाव से ग्रसित होते हैं, उन्हें भी मनोवैज्ञानिक हंसते रहने की सलाह देते हैं।


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दरअसल, जब आप मुस्कुराते हैं, तो आपका मस्तिष्क अपने आप सोचने लगता है कि आप खुश हैं और फिर ये प्रक्रिया पूरे शरीर में प्रवाहित करता है और आप सुकून महसूस करने लगते हैं। हंसते समय व्यक्ति को क्रोध भी नहीं आता है, और अगर वो हंसता रहे तो वो क्रोध करना तक छोड़ सकता है। साथ ही हंसने से शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है। ऐसे में हंसना स्वस्थ रहने का एक बेहद ही आसान तरीका है. इसमें आपका एक पैसा भी खर्च नहीं होगा, बस आपको हर हाल में हंसान और मुस्कुराते रहना है, फिर देखिए आप किस तरह से अपने सारे दुख-दर्द, शारीरिक और मानसिक समस्याओं को मात दे सकते हैं. हंसी से व्यक्ति चाहे तो अपने आसपास के पूरे वातावरण को पॉजिटिव एनर्जी से भर सकता है. दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकता है. इस दिन का उद्देश्य इस बात पर प्रकाश डालने के लिए होता है कि सकारात्मक भावनाएं इंसान में सकारात्मक बदलाव कैसे ला सकती हैं. लाफ्टर थेरेपी का एक सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप मानसिक स्ट्रेस, एंग्जायटी को कम कर सकते हैं. डिप्रेशन के शिकार नहीं होते हैं. जोर-जोर से ठहाके लगाकर हंसना और दूसरों को हंसाते रहने से सेहत पर प्रभावी असर पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाफ्टर थेरेपी से तनाव दूर होता है. हंसने से तनाव हार्मोन जैसे एपिनेफ्राइन (एड्रेनलाइन), कोर्टिसोल, ग्रोथ हार्मोन आदि को कम करने में भी मदद मिलती है. यह शरीर में एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाओं को बढ़ाने और टी-कोशिकाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में भी मदद करता है. ऐसे में यदि आप एंग्जायटी, तनाव ग्रस्त रहते हैं, तो खुश रहने की कोशिश करें. इसके लिए आप कॉमेडी से भरपूर फिल्में देखें, चुटकुले पढ़ें-सुनें, लाफिंग योग क्लास ज्वाइन करें. इनसे काफी हद तक आपको स्ट्रेस से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी. हंसी चिकित्सा के जरिए आप फ्रेश ऑक्सीजन को अपने अंदर ले पाते हैं. इससे मांसपेशियां, फेफड़े और हृदय उत्तेजित होते हैं. एंडॉर्फिन रिलीज होता है, साथ ही हंसने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है, जिससे आप हार्ट डिजीज से बचे रह सकते हैं.


हंसने से कैलोरी भी बर्न होती है

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जी हां, यदि आप प्रतिदिन 10 से 15 मिनट भी हंसते हैं, तो लगभग 40 कैलोरी बर्न कर सकते हैं. तो कैलोरी बर्न करके शरीर का वजन कंट्रोल में रखना है, तो आप प्रतिदिन 15 मिनट किसी ना किसी बहाने हंसने की कोशिश जरूर करें. इससे व्यक्ति एक वर्ष में 4-5 पाउंड कम कर सकता है. हंसी चिकित्सा के जरिए मूड फ्रेश हो सकता है. यदि आप उदास हैं, तो आपको हंसी-खुशी वाले महौल में थोड़ी देर बैठकर देखें, आपका मूड फ्रेश होगा, साथ ही उदासी भी दूर हो जाएगी. लाफ्टर थेरेपी के जरिए डिप्रेशन, स्ट्रेस और चिंता को कम करने के साथ-साथ आत्म-सम्मान में सुधार लाया जा सकता है, जिससे नकारात्मक भावनाएं भी दूर हो सकती हैं. यदि आपको रात में नींद नहीं आती है, तो इसका इलाज भी लाफ्टर थेरेपी में छिपा है. एक अध्ययन के अनुसार, सेरेब्रल कॉर्टेक्स खूब हंसने के कुछ ही सेकेंड बाद एलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज या वैद्युत संवेग रिलीज करती है. ऐसे में जब भी आपको रात में नींद न आए, तो सोने से पहले कोई कॉमेडी फिल्म या किताब पढ़ें, इससे आपको अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं, कई स्टडीज में ये बात भी सामने आई है कि हंसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है. हंसने से एंटीबॉडी प्रोड्यूस करने वाले टी सेल्स के नंबर में।





—सुरेश गांधी—

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