एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं, मजदूरों को ऐसे मिला था ये अधिकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 1 मई 2023

एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं, मजदूरों को ऐसे मिला था ये अधिकार

भारत की बात की जाए तो इसकी शुरुआत साल 1923 में शुरू हुई थी

labour-day-working-rights
नईदिल्ली। दुनिया के करीब 80 से ज्यादा देशों में हर साल 1 मई को विश्व मजदूर दिवस मनाया जाता है। आज विश्व मजदूर दिवस पर हम आपको इससे संबंधित कुछ जरूरी व रोचक जानकारी बता रहे हैं। सबसे पहले दुनियाभर में आखिर कैसे हुई थी विश्व मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत -


1 मई 1886 से मजदूर दिवस की शुरुआत

ऐतिहासिक तौर पर विश्व में सबसे पहले मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी, यदि भारत की बात की जाए तो इसकी शुरुआत साल 1923 में शुरू हुई थी। भारत में मजदूर दिवस मनाने के लिए जब मजदूर यूनियन से हड़ताल शुरू की थी तो उनकी सबसे अहम मांग थी कि एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम न लिया जाए। दुनिया के अधिकांश देशों में मजदूर संगठन इसके लिए मांग कर रहे थे। 1 मई 1886 को अमेरिका के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र में मजदूरों की एक आम हड़ताल हुई। यह हड़ताल 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग को लेकर थी। यह हड़ताल अमेरिका के शिकागो शहर में व्यापक रूप से फैल गई। उद्योग कारखाना मालिकों ने सरकार के पदाधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए कहा। सरकार और उद्योगपति साथ मिल गए, जिससे मजदूरों में असंतोष छा गया। तभी शिकागो के हेमार्कित स्क्वेयर में हो रही रैली में बम विस्फोट कराया गया। यहां पुलिस की गोलीबारी में 7 मजदूरों की मौत हो गई थी। इससे मजदूर आंदोलन और अधिक उग्र हो गया था। फिर साल 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के तहत इसे अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे ही काम करने की इजाजत दी गई। भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाया गया था। इसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे देश में मनाया जाने लगा।


अमेरिका में उत्सव की तरह मनाया जाता है मजदूर दिवस

अमेरिका में मजदूर दिवस हर साल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। अमेरिका में पहली बार 5 सितंबर 1882 को मजदूर दिवस मनाया गया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया की टेरिटरी वाले न्यू साउथ वेल्स और साउथ ऑस्ट्रेलिया में मजदूर दिवस अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है। हालांकि विश्व मजदूर दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव सबसे पहले किसने रखा था इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर के फाउंडर पीटर जे मैकगुरी ने सबसे पहले इस बारे में विचार दिया था, वहीं कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मैथ्यू मैगुरी नाक में मजदूर नेता ने इसकी शुरुआत की थी।।।

कोई टिप्पणी नहीं: