- खेत मजदूर यूनियन का राष्ट्रीय सम्मेलन पटना में होगा।
पटना, 3 मई, बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन की राज्य परिषद की बैठक बुधवार को जनशक्ति भवन पटना में हुई। बैठक में भारतीय खेत मजदूर यूनियन का राष्ट्रीय सम्मेलन 2-5 नबम्बर 2023 को पटना में करने का निर्णय लिया गया। सम्मेलन के प्रथम दिन दो नबम्बर को विशाल रैली आयोजित की होगी। मनरेगा के सवालों को लेकर 30 मई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मनरेगा बचाओ प्रदर्शन किया जायेगा। बैठक की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सूर्यकांत पासवान ने की। बैठक को सीपीआई के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पांडेय, भारतीय खेत यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव गुलजार सिंह गोरिया, बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन के महासचिव जानकी पासवान,उप महासचिव पुनीत मुखिया, कोषाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, सचिव अर्जुन राम आदि ने संबोधित किये। बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव गुलजार सिंह गोरिया ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों से देश की जनता तबाह है। महंगाई आसमान छू रही है। मजदूरों पर लगातार हमले किये जा रहे हैं। मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है। मोदी सरकार में मनरेगा के बजट में लगातार कटौती की जा रही है। कल्याणकारी योजनाओं की राशि घटाई जा रही है,तो दूसरी तरफ पूंजीपतियों का कर्ज बट्टे खाते में डाला जा रहा है। मोदी सरकार देश को फासीवादी रास्ते पर ले जा रही है। देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाना है। इसके लिए जन संघर्ष को तेज करना होगा। देश में बेशुमार बेरोजगारी से आम लोग परेशान हो चुके है। केंद्र सरकार नौजवानों को रोजगार देने का वादा करने के वाबजूद रोजगार देने के बजाय अपने मजदूर विरोधी एवं पूंजीपति पक्षी नीतियों को लागू करने में व्यस्त है। यूनियन के महासचिव का० गोरिया ने कहा कि खेत मजदूर यूनियन के लगातार संघर्ष एवं आंदोलन के बदौलत मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना को केंद्रीय कानून का दर्जा मिला। केंद्र सरकार मनरेगा को समाप्त करने की साजिश कर रही है। आम बजट में मनरेगा में भारी कटौती की गई है। महंगाई की मार से मजदूर एवं किसान परेशान एवं तबाह है।परिणामस्वरूप देश के विभिन्न हिस्सों में मजदूर-किसान आत्महत्या कर रहे है। बैठक को संबोधित करते हुए सीपीआई के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार देश के तमाम संस्थाओं को पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। खेत मजदूर यूनियन को ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के मजदूरों को संगठित कर धारदार आंदोलन करने की जरूरत है। घृणा पैदा कर देश और राज्य नही चलाया जा सकता। उन्होंने कहा बिहार के मध्यमवर्गीय जनता की आवाज बनकर, मेहनतकश किसान मजदूर के सवालों पर केंद्र सरकार को 2024 में सत्ता से उखाड़ फेंकना होगा। बिहार के बंद उद्योग को चालू करना, सभी बेघरों को घरों की व्यवस्था करना, बासविहीन भूमिहीनों को 5 डिसमल जमीन देने, 600 रू न्यूनतम मजदूरी एवं साल में 200 दिन रोजगार देने की गारंटी करने के सवाल पर मजबूत संघर्ष करने की आवश्यकता है। का० पांडेय ने कहा कि दो नवम्बर को पटना में ऐतिहासिक रैली होगी। आठ और नौ जून को जिला मुख्यालय पर मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आयोजित जन सत्याग्रह और जेल भरो आन्दोलन में खेत मजदूरों को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेना है।
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