मधुबनी : जयनगर बस्ती पंचायत में छात्र-छात्राओं के उपस्थिति के साथ माध्यह्न भोजन गुणवत्तापूर्ण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

मधुबनी : जयनगर बस्ती पंचायत में छात्र-छात्राओं के उपस्थिति के साथ माध्यह्न भोजन गुणवत्तापूर्ण

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जयनगर/मधुबनी, जिले के जयनगर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय जयनगर बस्ती पंचायत के इस विद्यालय परिसर में विभाग के द्वारा निर्धारित साप्ताहिक मेनू के अनुसार माध्यह्न भोजन का संचालन किया जाता हैं। सरकार के द्वारा संचालित इस योजना के लागू होने से कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें पेट भर खाना मिल पाया है और पोषित खाना मिलने से इन बच्चों का अच्छे से विकास भी हो पाया है। आज भी हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी पिछड़ापन फैला हुआ हैं। लेकिन इस स्कीम के तहत बच्चों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है। इसीलिए इनलोगों ने अपनी लड़कियों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया है, ताकि उनके बेटियों को भी यह गुणवत्तापूर्ण खाना खाने को मिल सके। स्कूल में खाना मिलने के कारण बच्चों के परिवार वालों के द्वारा बच्चों को हर रोज स्कूल भेजा जाता है, और ऐसा होने से बच्चों रोजाना स्कूल में उपस्थित रहते हैं। वैसे तो इस विद्यालय में कमरों के आभाव है, लेकिन फिर भी शिक्षकों का जज्बा देखते ही बनता हैं। बड़े बच्चे खुद से छोटे बच्चों और क्लास के लिए गाईड या टीम लीड कि भूमिका आदा करते दिखाई देते हैं। सभी शिक्षकों को भी समय से बच्चों के कमियों को भरपाई के तौर पर पढ़ाते नजर आते हैं। माध्यह्न भोजन में कोई भगदड़ दिखाई नहीं देती हैं। रसोई भी अपेक्षाकृत साफ-सुथरा दिखाई पड़ता हैं। बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पेय जल के लिए डीप लियर चापाकल लगी हुई हैं। और तो और बच्चों को लोक तंत्र से रूबरू कराने व स्कूल बेहतर संचालन के लिए यहां बाल संसद-सह कार्यकारणी भी कार्यरत हैं। हमारे देश में हर बच्चों को शिक्षित होने का पूरा अधिकार हैं, और आज के आधुनिक काल में अच्छे से अच्छे स्कूल में सर्वाधुनिक सुविधाओं के साथ शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक हो गया है। भारत में आज सभी स्कूल चाहे सरकारी स्कूल हो या गैर सरकारी, छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए कक्षाओं में टेक्नोलॉजी के प्रयोग को प्रोत्साहन दे रहे हैं। दरसअल अपने बच्चों को सही शिक्षा देना हर अभिभावकों का सपना होता है। सभी अभिभावक यही चाहते हैं कि वह अपने बच्चों को तमाम आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न स्कूल में शिक्षा प्राप्त करावे। लेकिन गरीबी एवं अशिक्षा के कारण सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला कराते हैं। वही इस विद्यालय में छात्रों एवं शिक्षकों के अनुपात में भवन कि कमी दिखाई दे रही है। इस विद्यालय में दो कमरों में ताला लटके दिखाई देने पर पत्रकारों के द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछे जाने पर बताया कि ये दोनों कमरा जो ताला बंद है, वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। आज प्रदेश में 80% से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं, और लगभग 20% बच्चे निजी स्कूलों में जाते हैं। ऐसे में अगर शिक्षा का ऐसा अंतर है, तो निश्चित है कि सरकारी स्कूलों में बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बंचित हो रहे हैं। इसका परिणाम आने वाले समय में यह होगा कि उच्च नौकरियों में सरकारी स्कूलों से पढ़ने वाले छात्रों कि संख्या कम होगी। सरकारी स्कूलों के छात्र चपरासी या अन्य लोअर लेवल के नौकरियों को ही ज्वाइन कर पाएंगे। वही निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा होने के कारण यहां के बच्चे आईआईटी, यूपीएससी जैसे प्रतियोगिता परीक्षाओं में स्थान प्राप्त करेंगे। अगर स्थिति यही रही, तो सामाज में आने वाले दिनों में गरीब और अमीर के बीच एक बड़ा अंतर पैदा हो जाएगा। वहीं इस विद्यालय में शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं कि संख्या प्रयाप्त हैं। इस विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं में नागेंद्र कुमार प्रधानाध्यापक, राजकिशोर यादव,अमोद कुमार झा, शिव शंकर प्रसाद,अरुण कुमार सिंह, प्रमोद कुमार ठाकुर, अजित कुमार, आनंदी झा मुन्नी, मधु कुमारी, कविता कुमारी, पुष्पा कुमारी, रंजु कुमारी, अनिता कुमारी, भारती कुमारी,काजल कुमारी, मीना कुमारी, अमरेंद्र कुमार मौजूद रहे।

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