बरसात का मौसम आया है,
देखो, दिन कितना सुहाना है,
क्या हरियाली में तुमने कभी
किसी को दुखी पाया है?
परियों की दुनिया से निकली,
एक सुंदर सी काया है,
आकाश को देखकर दुनिया में,
सबके मन को भाया है,
क्या खूब था जब टेढ़ी-मेढ़ी गलियों में,
चलते थे बरसात के मौसम में,
नदियां कल कल करती, पंछी चहचहाते हैं,
इंद्रधनुष की छाया देख बच्चे भी इठलाते हैं,
सावन का यह सुहानापन अलबेला सा लगता है
हेमा आर्य
कक्षा-11
पोथिंग, कपकोट
उत्तराखंड
चरखा फीचर
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