रांची ,लाइव आर्यावर्त ,6 अगस्त । अंग्रेजी अब पाश्चात्य भाषा नहीं रही बल्कि वह पश्चिम को बहुत पीछे छोड़ भारतीय भाषा बन चुकी है। भारत जैसे बहुभाषायी देश में अंग्रेजी अब संस्कृतियों को एक धागे में बांधने का माध्यम बन चुकी है ,इसलिए आज आवश्यक है कि हम अंग्रेजी भाषा को लंदन या विदेशी भाषा नहीं समझते हुए एक ऐसी भाषा के रूप में देखें जो भारत की भाषा के रूप में अपनी जड़ें जमा चुकी है और शिक्षा ,राजनीति ,सामाजिक ,दफ्तरशाही तथा न्यायिक क्षेत्रों में भी अपना वर्चस्व कायम कर चुकी है। झारखंड की राजधानी रांची स्थित संत जेवियर्स कॉलेज में आशुतोष राय स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्द शिक्षाविशारद डॉ.शंकर आशीष दत्त ने कॉलेज सभागार में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए अपने उक्त उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत भारत में ब्रिटेन से अधिक अंग्रेजी की किताबें खरीदी और पढ़ी जाती हैं। कार्यक्रम में पादरी फा.एलेक्सियस एक्का, प्राचार्य फा.नबोर लकड़ा, उप प्राचार्य रॉबर्ट प्रदीप कुजूर, अजय मिंज, डॉ. सुशील,डॉ जूही होरो सहित कई प्राध्यापक एवं छात्र -छात्राएं उपस्थित थे।
रविवार, 6 अगस्त 2023
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रांची : अंग्रेजी अब पश्चिम छोड़ भारतीय भाषा बन चुकी - शंकर दत्त
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