मिथिला राज्य निर्माण के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकदिवसीय धरना सभा आयोजित। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 सितंबर 2023

मिथिला राज्य निर्माण के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकदिवसीय धरना सभा आयोजित।

  • राज्याधीशों ने मिथिला क्षेत्र के वास्तविक विकास के लिए अब तक कुछ भी प्रयास नहीं किया : मनोज झा 

Protest-for-mithila-rajya
नई दिल्ली, प्रांत के सत्ता पर आरूढ़ राज्याधीशों ने मिथिला क्षेत्र के वास्तविक विकास के लिए अब तक कुछ भी प्रयास नहीं किया, बल्कि अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र को जातिवादी मकड़जाल में उलझाकर मिथिला क्षेत्र के विकास मद का बंदरबांट अपने अपने ढ़ंग से करते रहने को अभ्यस्त हैं। यहां मिथिला राज्य की चर्चा प्रारंभ होते ही मिथिला विरोधी सरकारों द्वारा मिथिला के आम जनमानस को यह कहकर भ्रमित किया जाता रहा है कि पृथक राज्य बनने के बाद इस क्षेत्र में बाढ़- सुखाड़, अकाल और बालू के अलावा और क्या बचेगा। एक ओर तो प्रांत के मठाधीशों को मिथिला क्षेत्र के आर्थिक विकास की असीम संभावनाओं का ज्ञान ही नहीं है और दूसरी ओर वे मिथिला के विरुद्ध षडयंत्र करने के आदी हो चुके हैं और मिथिला का नाम आते ही भड़क उठते हैं। परन्तु अब यह स्थिति ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा और रचनात्मक जन मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धरना सभा का नेतृत्व करते हुए मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने कहा कि पूर्व काल में मिथिला औद्योगिक संपदाओं से परिपूर्ण था।  ये उद्योग क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को समृद्ध कर रहे थे। परन्तु केंद्र सरकार के साथ-साथ बिहार राज्य सरकार की लापरवाही के कारण क्षेत्र की औद्योगिक संपत्तियां धीरे-धीरे बंद होने लगीं। पिछले तीन दशकों में बिहार में जातिवाद व वोट बैंक की राजनीति के कारण वहां के नेताओं द्वारा औद्योगिक विकास के एजेंडे की उपेक्षा की गई और धीरे-धीरे उद्योग बंद हो गए। आजकल ये औद्योगिक इकाइयां खंडहर बन गयी हैं। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र से पौराणिक महत्व के सभी विशिष्ट ऐतिहासिक स्थल सरकारी उपेक्षा व रखरखाव के अभाव में विलुप्त होने के कगार पर है । जिसको बचाने के लिए हम मिथिलावासियों को मिथिला राज्य के अलावा और कोई चारा दिखाई नहीं दे रहा है। आपने अधिकार के लिए संघर्ष करने के हेतु मिथिलावासियों को आगे आना समय की मांग है और जो हमारा दायित्व भी है। धरना सभा के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को स्मार पत्र भी सौपा गया। धरना सभा की अध्यक्षता रचनात्मक जन मोर्चा के अध्यक्ष विजय झा ने किया जबकि अतिथियों का स्वागत दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष ललित मिश्रा ने किया। धरना सभा में मुख्य अतिथि के रुप में मिथिला विकास संस्थान के महासचिव एस. के. झा और वरिष्ठ आंदोलनी के एन झा भी मौजूद रहे । धरना सभा में दिल्ली/एनसीआर में प्रवास करने वाले मिथिलावासी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जबकि मधुबनी से धर्मेंद्र मिश्र 'कंटीर' के नेतृत्व में आए मिथिलावासियों का जत्था उपस्थिति लोगों के बीच चर्चा के केन्द्र में बना रहा।

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