मधुबनी : सुविधाओं के आभाव मे बच्चों का भविष्य दाँव पर, कभी दावे टॉय-टॉय फिस्स - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 16 सितंबर 2023

मधुबनी : सुविधाओं के आभाव मे बच्चों का भविष्य दाँव पर, कभी दावे टॉय-टॉय फिस्स

  • अंग्रेजी और संस्कृत के शिक्षक नही, 982 विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में
  • कमरा की संख्या कम होने के कारण, एक कमरा में तीन क्लास की होती है पढ़ाई

Student-future-in-school-madhubani
जयनगर/मधुबनी, जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय के बस स्टैंड स्थित यमुनाधर रुंगटा कन्या मध्य विद्यालय की दास्तान भी अजीबोगरीब है। वर्षों से संसाधनों का दंश झेल रहे उक्त विद्यालय के जीर्णोद्धार को लेकर विभाग गंभीर नहीं दिखा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के कार्यभार संभालते ही बेपटरी व्यवस्था में बहुत हद तक सुधार आया है। विद्यालय में भवन के साथ शिक्षकों की संख्या में काफी कमी देखी जा रही है। इन्हीं कारणों से पांच महीने बाद इंग्लिश विषय में काफी पिछे है। हालांकि कम शिक्षक रहने के बाद भी पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त करने में पूरी कोशिश की जाती है। लेकिन हाकिमों के बुलावा पर कुछ शिक्षक आज भी अपने को प्रतिनियुक्त समझते हैं। बता दें कि विद्यालय में अप्रैल माह से नये सत्र की शुरुआत हुई लेकिन इंग्लिश, उर्दू  एवं संस्कृत के शिक्षक नहीं रहने से इन विषयों पर छात्र काफी पीछे चल रहे हैं।


क्या है समस्या :

शहरी क्षेत्र में एक मात्र यमुनाधर रुंगटा कन्या मध्य विद्यालय में कमरें का घोर आभाव है। वर्ग एक से आठ तक में नामांकित 982  बच्चों के भविष्य का रुपरेखा तैयार करने के लिए मात्र 11 शिक्षक पदस्थापित है।, जिसमें छात्र 276 एवं छात्राएं 706 है। जबकि प्रतिदिन बच्चों की उपस्थिति चार सौ के आसपास होती है। विद्यालय में इंग्लिश, उर्दू एवं संस्कृत शिक्षकों का पद खाली है। भवन के आभाव सिमित संसाधनों के बीच पांच कमरों में जैसे-तैसे पठन-पाठन की जाती है। विद्यालय के एक कमरे में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की पढ़ाई की जाती है, जबकि अन्य कक्षा में छात्रों की संख्या अधिक होने पर एक ही कमरे में ठूंस कर बच्चों को बैठाया जाता है। विद्यालय में छात्रों के बैठने के लिए बैंच की व्यवस्था नहीं रहने पर जमीन पर बच्चें बैठते हैं। पांच कमरें में पठन-पाठन व्यवस्था के अलावे एक कार्यालय, एक रसोई घर एवं एक जर्जर भवन को स्टोर रुम बनाया गया है। विद्यालय में रसोई भंडार तक नहीं है। 


क्या कहती है एचएम :

प्रभारी एचएम सुनिता कुमारी ने बताया कि विद्यालय में भवन का आभाव होने के बावजूद बच्चों को पढ़ाई जाती है। भवन निर्माण को लेकर पूर्व में पत्राचार किया जा चुका है। शिक्षकों की संख्या में कमी है।


क्या कहते हैं पदाधिकारी :

जयनगर शिक्षा पदाधिकारी पूनम राजीव ने बताया कि भवन के आभाव को लेकर विभाग को पत्राचार किया गया है। जबकि कनीय अभियंता रवि प्रकाश ने बताया कि उक्त विद्यालय में अविलंब भवन निर्माण कराया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं: