- स्वच्छता ही सेवा अन्तर्गत जयनगर बाबा पोखर परिसर पर श्रमदान का हुआ आयोजन

जयनगर/मधुबनी, गांधी जयंती 'राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के पावन अवसर पर स्वच्छता ही सेवा अभियान अन्तर्गत आज स्वच्छता के लिए श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी जिले के जयनगर शहर के ऐतिहासिक बाबा पोखर छठ घाट परिसर को "कचड़ा मुक्त घाट, कचड़ा मुक्त भारत" के टैगलाइन के साथ स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं एसएसबी के अधिकारियों के द्वारा किया गया। श्रमदान का नेतृत्व जयनगर प्रखंड बिकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने किया। श्रमदान के द्वारा जयनगर शहर के ऐतिहासिक बाबा पोखर छठ घाट पर वृहद स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। उपस्थित जन-समूह को संबोधित करते हुए प्रखंड बिकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने कहा स्वच्छ भारत अभियान की नौवीं वर्षगांठ के अवसर पर देशव्यापी स्वच्छता अभियान के तहत आज हम लोग यहां श्रमदान हेतु इक्ट्ठा हैं। उन्होंने सभी को कचड़ा मुक्त भारत को सफल बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन हेतु 48वीं बटालियन एसएसबी के निरीक्षक सोम लाल, मुखिया प्रतिनिधि जयनगर वस्ती पंचायत अनिल सिंह समेत कार्यक्रम में उपस्थित सभी को बीडीओ ने बधाई दी एवं उपस्थित जयनगर वस्ती के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों स्वंयसेवको की हौसला अफजाई भी की। इस मौके पर युवा समाज सेवी विवेक कुमार ठाकुर ने कहा कि स्वच्छता की लड़ाई, हम सब की लड़ाई है और इसे हम सबको मिल के लड़ना होगा, तभी हम सफल होंगे। वहीं, मौके पर मौजूद मुखिया पति अनिल सिंह ने बताया कि स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम अन्तर्गत श्रमदान का उद्देश्य आम जनता के बीच स्वैच्छिकता और सामुदायिक भागीदारी की भावना को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान दर्शाता है कि जब व्यक्ति, समुदाय और सरकारी एजेंसियां एक साझा दृष्टिकोण के साथ एकजुट होती हैं और स्वच्छता के लिए काम करती हैं, तो उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की जा सकती है। कार्यक्रम के अंत में प्रखंड बिकास पदाधिकारी राजीव कुमार ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, एवं 48वीं बटालियन एसएसबी के जवानों के साथ जन संवाद में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मानव का सबसे बड़ा दुश्मन उनके अहंकार,एवं मन हैं। सबसे बड़ा खतरनाक है, ये जानते हुए भी, हम, आप फिर भी उनकी पुष्टि में लगे रहते हैं। मन कि पुष्टि हम लोग जितना करेंगे, हम उतना ही कमजोर होते जाएंगे। मन इंसान के अंदर की सबसे बड़ी कमजोरी माने जाते हैं। अंत मे उन्होंने कहा कि जहां-जहां आत्मा है, वहां-वहां ज्ञान का भंडार विराजमान हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नदियों एवं जल स्त्रोतों के संरक्षण में आम जनों का समर्थन एवं सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के पांच स्तंभ में सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ जन गंगा ही है, जिसके माध्यम से नदियों से आमजनों के जुड़ाव को बनाने एवं बढ़ाने के उद्देश से श्रमदान का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर महीने भर में भी विभिन्न स्थानों पर "कचड़ा मुक्त शहर" अभियान का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने युवाओं से उक्त अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया। इस मौके पर दर्जनों स्थानीय लोग के अलावा एसएसबी के कई जवान मौजूद रहे।
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