- जिला में सरकारी भूमि का 35 हजार से उपर है अवैध जमाबंदी है, मठ मंदिर एवं सरकारी भूमि कि हो रहा अवैध निबंधन और पर्चाधारियों को दखल कब्जा दिलाने तथा भूमिहीनों को बसाने मे विफल है प्रसाशन और लाल झंडा गार कर भूमि पर कब्जा दिलाने के लिए आंदोलन तेज करने का आह्वान :- भूषण सिंह
- भूमि चोर व भू-माफिया अंचल गठजोड़ को जांच कर अवैध भूमि जप्त कर भूमिहीनों के बिच वितरण करने तथा भू-माफिया को चिन्हित गिरफ्तार करने कि मांग किया सरकार :- भाकपा-माले

जयनगर/मधुबनी, जिले के जयनगर प्रखंड के अंतर्गत कुआढ़ गांव के कुआढ़ मौजा मे पंद्रह महादलित भूमिहीन परिवारों को भूमि कि दिए पर्चा वाली भूमि पर दखल कब्जा दिलाने सहित छः सूत्री मांगों को लेकर पर्चाधारी परिवारों के द्वारा भाकपा-माले जयनगर के नेतृत्व में पर्चा वाली भूमि के सामने कुआढ़ गांव में दिया गया धरना, जिसमें दर्जनों पर्चाधारी परिवारों ने अपने बाल बच्चों के साथ शामिल हुए। स्थल आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा की भू-हदबंदी योजना के तहत अंचल जयनगर के अभिलेख संख्या-04/2004-2005 के तहत जयनगर अंचल के डोरवार पंचायत के कुआढ़ गाँव के निवासी पंद्रह महादलित भूमिहीन परिवारों को दिनांक -12/04/2005 को खाता संख्या-01(ख) खेसरा संख्या-55,56,57,58,59,60 तथा अन्य में 15 डिसमिल से 25 डिसमिल तक कृषि योग्य भूमि की कुआढ़ मौजा में पर्चा दिया गया था। लेकिन वर्षो बाद भी उक्त पर्चा वाली भूमि पर दखल कब्जा दिलाने में नाकाम रहा प्रसाशन, तो दूसरी ओर पर्चाधारियों के द्वारा दखल कब्जा की मांग को लेकर आन्दोलन तेज करने पर अवैध भूस्वामीयों के द्वारा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है और खरीद-बिक्री भी करने की शिकायते मिली है। उक्त प्रतिबंधित भूमि में अवैध भूस्वामीयों के द्वारा विभिन्न प्रकार के फसल भी उगाते है, लेकिन उक्त पर्चा वाली भूमि पर पर्चाधारी परिवारों को जाने पर रोक लगाया गया है। यह दलित विरोधी नीतियों की हमारी पार्टी भाकपा-माले तीव्र निंदा करती है। तो दुसरी ओर बिहार सरकार के भूमिसुधार व राजस्व विभाग ने बिहार के आठ लाख एकड़ सरकारी जमीन पर अबैध कब्जा एवं उससे संबंधित दस लाख जमाबंदी अवैध पाया गया है, जिसमें मधुबनी जिला के में सरकारी भूमि के 35 हजार 187 अवैध जमाबंदी पाया गया, जिसमें जयनगर भी शामिल हैं। हजारों हजार एकड़ सरकारी जमीन पर सामंतों, भू-माफियों व दबंगों का अवैध कब्जा है। सरकारी जमीन की खरीद बिक्री भी किया जा रहा है। भूमि की फर्जी कागज तैयार कर सरकारी भूमि को निजी बनाया जा रहा हैं। जिस में मठ मंदिर पोखर एवं सार्वजनिक भूमि शामिल हैं, जिसका अवैध केवाला का अवैध जमाबंदी कायम कर दिया जा रहा हैं। दूसरी ओर 60 प्रतिशत भूमिहिन परिवार हैं, जिसके पास बसने लायक वास कि भूमि तक नहीं है। स्थानीय प्रसाशन को चाहिए भूमिहीनों को चिन्हित कर पांच डिसमिल सरकारी बास भूमि देना चाहिए लेकिन भूमिहीनों की जगह सामंतों, भू-माफियाओं को सरकारी जमीन पर कब्जा दिलाने का काम कर रहे हैं। 6 सितंबर, 2021 के निर्णय में माननिय सर्वोच्च न्यायालय ने भी मठ मंदिर के महंत/पुजारी द्वारा किये गए कावाला,लीज को अवैध घोषित कर दिया है और उन्होंने धरना के माध्यम से
पर्चा वाली भूमि पर दखल कब्जा अविलम्ब दिलावें और भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने,पर्चा वाली भूमि पर अवैध भूस्वामयों के द्वारा हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाने, पर्चा वाली भूमि पर अवैध भूस्वामीयों को जाने और फसल उगाने पर रोक लगाने, पर्चा वाली भूमि की मापी करावें और पर्चा से अधिक भूमि को भूमिहीनों के विच वितरण करने, सभी महादलित पर्चाधारी आन्दोलनकारी परिवारों को जानमाल की सुरक्षा की गारंटी करने,
भूमि चोर व भू-माफिया को गिरफ्तार करें और अवैध भूमि जप्त कर भूमिहीनों के बिच वितरण करने की मांग किया गया है। मांग पूरा नहीं होने पर पर्चा वाली भूमि लाल झंडा गार कर पर्चाधारी परिवारों को दखल कब्जा दिलाने की घोषणा किए। धरना को जागेश्वर राम, सीताराम राम, मोहम्मद रशीद अंसारी, मोहम्मद उमेद, रामनारायण राम, सीताशरण यादव, अनिता देवी, लीला देवी, फूल चंद राम, रामपरी देवी, फूलो देवी, गीता देवी, पंचू राम, राजकुमार पासवान सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर के नाम से मांग पत्र प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी मनरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी कृष कुमार को समर्पित किया गया।
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