मधुबनी : बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु चलाया गया सघन जांच अभियान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 नवंबर 2023

मधुबनी : बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु चलाया गया सघन जांच अभियान

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मधुबनी, जिलाधिकारी  अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश के आलोक में फुलपरास अनुमंडल  के प्रखंडों में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रमन कुमार सिंह के नेतृत्व में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल के द्वारा विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया। इसी क्रम में लुकमान गैरेज, भुतहा चौक, फुलपरास से एक (1) बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया । विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है । बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम  1986 के तहत  नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है । श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है । इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में  नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।


इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि पात्र बाल श्रमिक को शैक्षणिक पुनर्वास के अतिरिक्त तीन हजार रुपया की तत्काल सहायता राशि तथा माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से पच्चीस हजार रूपए की राशि भी दी जाती है जिसे उनके अठारह वर्ष की आयु पूरी करने की अवधि तक का एफडी कराया जाता है जो उनके आगे की पढ़ाई या अन्य कार्यों में मदद के लिए प्राप्त होता है । इसके अतिरिक्त उनके परिवार को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओ से आच्छादित भी कराया जाता है जिसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी के द्वारा प्रत्येक माह के जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों से की जाती है। विदित हो की वित्तीय वर्ष 2023-24 आठ महीनों में अभी तक मधुबनी जिले के विभिन्न प्रखंडों से धावा दल के द्वारा अब तक 41 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराकर उनका पुनर्वासन लगातार कराया जा रहा है 


आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में रमण कुमार सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी फुलपरास, संतोष कुमार पोद्दार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, घोघरडीहा, हरी प्रसाद, सर्वो प्रयास संस्था के प्रतिनिधि,  उज्जवल कुमार  जिला बाल संरक्षण इकाई  के प्रतिनिधि, एवम फूलपराश थाना की  पुलिस टीम शामिल थे। धावा दल की टीम के द्वारा आज फुलपरास अनुमंडल के क्षेत्रों एवम प्रखंड में सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया। श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के अलावा सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी  धावा दल संचालित  किया  जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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