- वर्ष 1980 से विस्थापित किसान अपने हक को लेकर हैं आंदोलित
पटना, 19 जनवरी, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने जमुई जिला अंतर्गत अपर किउल जलाशय योजना के विस्थापित किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है और राज्य सरकार से उनकी मांगों को अविलंब पूरी करने की मांग की है. विगत 15 दिनों से भाकपा-माले व खेग्रामस के बैनर से कड़ाके की ठंड में जमुई के अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर धरना चल रहा है, लेकिन जिला प्रशासन ने अबतक उनकी मांगों के प्रति उपेक्षा का ही रवैया अपनाया है. इसलिए सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए. विगत दिनों पार्टी के पालीगंज से विधायक का. संदीप सौरभ ने वहां का दौरा भी किया और आंदोलनरत किसानों को संबोधित किया. इस मसले को विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया जाएगा. विदित हो कि वर्ष 1980 में ही किउल जलाशय के निर्माण हेतु खैरा प्रखंड के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. 456 किसानों की 3040 एकड़ जमीन अधिग्रहित हुई थी. उस समय से अपनी जमीन के मुआवजा हेतु किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. उलटे आज भी किसानों से जलाशय की जमीन की मालगुजारी सरकार ले रही है. ‘मुआवजा’ नहीं मिलने के कारण किसान जलाशय से मछली मारकर अपना जीवन यापन कर रहे थे. लेकिन अब जिला मत्स्य विभाग ने मछली पालन को लेकर टेंडर निकाल दिया है और किसानों के मछली मारने पर रोक लगा दी है. इसके कारण किसानों में काफी आक्रोश है. भाकपा-माले मांग करती है कि जबतक इन किसानों को अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तबतक मछली मारने के टेंडर को रद्द किया जाए.
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