कविता : लड़कियां होती सबकी मां - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 अप्रैल 2024

कविता : लड़कियां होती सबकी मां

लड़कियां होती सबकी मां।

उनका करो तुम मान सम्मान।

नहीं तो भुगतना होगा अंजाम।

हर जगह मचा है हाहाकार।

लड़कियों का करो तुम सम्मान।।

आगे चलकर बनेगी वो राह।

नहीं डरेगी किसी से हां ।।

लड़कियां वो हस्ती है रौशनी की तरह।

जो खुद से ढूंढ लेती है अपनी राह।।

अक्सर क्यों उठाते हो उस पर ही सवाल?

यही है लोगों की फितरत आम।

लड़की होती सबकी मां।

मान लो अब इसे भी इंसान।।





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गरिमा जोशी

उत्तरोड़ा, उत्तराखंड

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