भारतीय संविधान में धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों को अनुच्छेद 29 और 30 में विशेष अधिकार दिए हैं.उस क्रम में अनुच्छेद 30(1) के तहत सभी अल्पसंख्यकों को धर्म या भाषा के आधार पर अपनी पसंद के आधार पर अपनी शैक्षिक संस्था को स्थापित करने का अधिकार है.इस तरह के विशेष अधिकार के बल पर स्थापित स्कूलों में पढ़ाई बेहतर और अनुशासन स्थापित की जाती है.देश के अधिकारी व नेता अल्पसंख्यकों के स्कूल में पढ़े हैं और अपने बच्चों को पढ़ाने में प्रयासरत रहते हैं.दु:ख उस समय होता है,जब अल्पसंख्यक स्कूलों में हमला होता,तब बापू जी के तीन बंदरों की भूमिका में आ जाते हैं. हाल में तेलंगाना राज्य के राजधानी हैदराबाद से 250 किमी दूर स्थित कन्नेपल्ली गांव में 'ब्लेस्ड मदर टेरेसा स्कूल' स्कूल में हमला हो गया.देश के शिक्षित राज्य केरल के रहने वाले फादर जैमन जोसेफ स्कूल के प्रिंसिपल हैं.उन्होंने नोटिस किया कि कुछ छात्र स्कूल ड्रेस के बजाय स्कूल में भगवा कपड़े पहनकर आ रहे हैं. जब प्रिंसिपल जोसेफ ने छात्रों से इसको लेकर सवाल किया तो छात्रों ने बताया कि वे 21 दिनों के 'हनुमान दीक्षा' का पालन कर रहे हैं.परंतु स्कूल का अनुशासन व कानून का अवहेलना कर रह रहे हैं. इसके आलोक में प्रिंसिपल ने उनसे अपने माता-पिता को स्कूल लाने के लिए कहा ताकि वह इस पर चर्चा कर सकें. जब यह मामला स्कूल की चारदीवारी से निकल कर तब और बढ़ गया जब किसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि प्रिंसिपल कैंपस में हिन्दू पोशाक पहनने की इजाजत नहीं दे रहे. इसके तुरंत बाद भीड़ ने स्कूल पर हमला बोल दिया. वायरल वीडियो में भगवा पहने भीड़ जय श्री राम के नारे लगा रहे हैं और खिड़की के शीशे तोड़ रहे हैं और डरे हुए शिक्षक हाथ जोड़कर उनसे रुकने का आग्रह कर रहे हैं. डंडेपल्ली पुलिस के मुताबिक, छात्रों के पेरेंट्स की शिकायत के आधार पर आईपीसी के सेक्शन 153 (A) (धर्म और जाति के आधार पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाना) और 295 (A) (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के मामले में केस दर्ज किया गया है. मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. आरोप है कि इन्होंने भगवा पहनकर स्कूल आए कुछ बच्चों को रोका था.
गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
तेलंगाना में छात्रों की पोशाक को लेकर विवाद
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