पटना : राजनीति में गाली-गलौज और गोली-बंदूक वाले नेता को माना जाता है जमीनी नेता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 18 अप्रैल 2024

पटना : राजनीति में गाली-गलौज और गोली-बंदूक वाले नेता को माना जाता है जमीनी नेता

  • तेजस्वी की सभा में चिराग पासवान की मां को गाली देने के वीडियो ने पकड़ा तूल

Prashant-kishore-jan-suraj
पटना : सियासत में जुबानी लड़ाई का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने के दौरान बात गाली-गलौज तक पहुंच जा रही है। महागठबंधन और एनडीए दोनों गठबंधनों के नेता मर्यादा को लांघ रहे हैं। जमुई में एक चुनावी सभा के दौरान आरजेडी के किसी नेता या कार्यकर्ता ने सरेआम चिराग पासवान की मां के लिए बेहूदा भाषा का इस्तेमाल किया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसी बीच जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में राजनीति और वाद-विवाद का स्तर यही है। बिहार में ज्यादातर लोग भी ऐसे ही व्यक्ति को नेता मानते हैं जिसको भाषा का कोई ज्ञान न हो विषय का ज्ञान न हो। बिहार में जो व्यक्ति शर्ट के ऊपर गंजी पहने उसी को समाज जमीनी नेता मानता है। जो आदमी गाली-गलौज करे, बदमाशी करे लूटमार करे, गोली बंदूक की बात करे उसी को बिहार में मजबूत नेता लोग मानते हैं। 


बिहार में जो सबसे बड़ा नेता होगा उनके नेताओं के नेता को हमने सलाह दी है तो ऐसा नहीं है कि बिहार की राजनीति और समाज की समझ नहीं है मुझे

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नेताओं के कहे गए ऐसे फिजूल शब्दों पर मेरा कोई यकीन नहीं है, न ही मैं ऐसे शब्दों का प्रयोग करता हूं न ही कोई दूसरा करता है तो मैं रिएक्ट करता हूं। मैं पदयात्रा किसी नेता पर तीखा टिप्पणी करने किसी नेता की शिकायत करने के लिए पदयात्रा नहीं कर रहा हूं। मुझे समाज के साथ काम करना है। कई लोगों को लग सकता है कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा मगर आप इतना मान कर चलिए कि बिहार में जितने लोगों को आप नेता मानते हैं या जो लोग भी राजनीति करते हैं उससे कम राजनीति की समझ मुझे भी नहीं है। थोड़ी बहुत राजनीति की समझ मुझे भी है। बिहार में जो सबसे बड़ा नेता होगा उनके नेताओं के नेता को हमनें सलाह दिया है तो ऐसा नहीं है कि बिहार की राजनीति और समाज की समझ मुझे नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं: