- महिलाओं को सुहाग की सामग्री का वितरण
- लगातार आठ घंटे चले भव्य भंडारे में 10 क्विंटल आट की पूडी, दो क्विंटल खीर और एक क्विंटल नुक्ती का किया गया वितरण
मां सिद्धिदात्री अष्ट सिद्धि से युक्त हैं
जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि राम नवमी के दिन मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी पर नवरात्रि का समापन होता है, साथ ही इस दिन राम नवमी का त्योहार भी मनाया जाता है। मां सिद्धिदात्री अष्ट सिद्धि से युक्त हैं, मान्यता है कि नवरात्रि के आखिरी दिन दुर्गा नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने वालों समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है, बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। गंधर्व, किन्नर, नाग, यक्ष, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। इस दिन माता की पूजा के बाद हवन, कन्या पूजन किया जाता है और फिर नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं। मां भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। उनको मां दुर्गा की 9 वीं शक्ति माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी पूरी विधि से उनकी साधना करता है उसे पूर्ण सृष्टि का ज्ञान प्राप्त होता है और उसमें ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करने की क्षमता आ जाती है। देवी सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। वह कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। भगवान शिव ने भी सिद्धिदात्री देवी की कृपा से तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इनकी कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री को मां सरस्वती का भी स्वरुप माना जाता है।
आहुतियां के पश्चात भंडारे का आयोजन
मरीह मंदिर में लगातार नौ दिनों तक देवी की आराधना का क्रम जारी रहा। बुधवार की सुबह हवन में करीब 31 हजार से अधिक देवी के मंत्रों के साथ आहुतियां दी गई और उसके पश्चात भंडारे का क्रम शुरू किया। इस मौके पर मंदिर के प्रबंधक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, यश अग्रवाल, पंडित उमेश दुबे, पंडित गणेश शर्मा, अनिल राय, सुनिल चौकसे, सुभाष कुशवाहा, पंकज झंवर सुमित भानू उपाध्याय, रामू सोनी, चिन्दू, प्रवेश, राजेश कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, संदीप कुशवाहा, प्रवीण और सुनील सहित अन्य शामिल थे।
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