- तेजस्वी यादव जैसे नेता अगर देश को नई दिशा देने लगेंगे तो देश का भला ठीक वैसा होगा जैसे लालू-राबड़ी ने बिहार का किया था
भाषा और विषय का ज्ञान है नहीं लेकिन बैठ कर इजराइल और फिलिस्तीन पर तीखा टिप्पणी करेंगे, रोजगार दिया नहीं लेकिन तीखा टिप्पणी कर रहे हैं कि गाजा में क्या हो रहा है
तेजस्वी यादव को न भाषा का ज्ञान है न विषय का ज्ञान है, लेकिन तीखा टिप्पणी करनी होगी तो बैठ कर इजराइल और फिलिस्तीन पर करेंगे। बिहार में गरीब बच्चों के शरीर पर कपड़ा नहीं है, खाने के लिए खाना नहीं है, रोजगार नहीं है लेकिन तीखा टिप्पणी ये कर रहे हैं कि गाजा में क्या हो रहा है। यहां पर नेताओं को भी ऐसी आदत लग गई है। बेवकूफ़ी को यहां पर नेताओं ने जमीनी हकीकत मान लिया है। ऊलजलूल बात करने वालों को समाज के लोग जमीनी नेता मानते हैं, जिसको न भाषा का ज्ञान है, न विषय का ज्ञान है। आदमी ने यहां शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो यहां का समाज उसे जमीनी नेता मानने लगता है।

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