सीहोर : जीव आत्मा जब परमात्मा से स्पर्श कर लेता है तो टूट जाती है बंधन की बेडिय़ां - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 14 अप्रैल 2024

सीहोर : जीव आत्मा जब परमात्मा से स्पर्श कर लेता है तो टूट जाती है बंधन की बेडिय़ां

  • खामखेड़ा जत्रा में जारी है गुुरू पूर्णिमा महोत्सव हो रहा है श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन

Sehore-ram-katha
सीहोर। जीव आत्मा जबतक परमात्मा से स्पर्श नहीं करता है तबतक बंधन की बेडिय़ों में बंधा रहता है, परमात्मा के स्पर्श करते ही संसार रूपी बंधन की बेडिय़ों से मुुक्त होकर जीवआत्मा परमात्मा में विलीन हो जाता है इसी को आत्म शाङ्क्षत कहते है,उक्त बात रविवार को खामखेड़ा जत्रा में गुुरू पूर्णिमा महोत्सव अंतर्गत आयोजित भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं के समक्ष श्री हनुमान फाटक मंदिर सीहेार वाले कथा व्यास पं रविशंकर तिवारी के द्वारा प्रकट किए गए। उन्होने कहा कि कंस मामा ने वासूदेव और देवकी को जेल में बंद कर दिया था कंस ने उनके सात पूत्र पुत्रियों को मार दिया था। कारागार में कंस मामा ने देवकी और वासूदेव को बेडिय़ों में जकड़ रखा था। आकाशवाणी के अनुसार आठवां पुुत्र अर्थात भगवान श्री कृष्ण कंस को परलोकधाम पहुचाने के लिए जन्म लेने वाले थे तब मामा कंस से बचने के लिए वासूदेव से भगवान ने कहा था की जीव आत्मा जबतक परमात्मा से स्पर्श नहीं करता है तबतक बंधन की बेडिय़ों में बंधा रहता है, परमात्मा के स्पर्श करते ही संसार रूपी बंधन की बेडिय़ों से मुुक्त हो जाता है तब जैसे ही वासूदेव और देवकी ने शिशु रूप में पहुंचे भगवान कृष्ण को स्पर्श किया तो लोहे की बेडिय़ां खुल गई कारागार के सभी ताले खुल गए। पं रविशंकर तिवारी के द्वारा भगवान वामन अवतार राजाबली कथा, भगवान श्री कृष्णजन्म कथा का प्रसंग श्रोताओं के मध्य प्रस्तृत किया। पंडाल में भगवान का जन्मउत्सव मनाया गया। कथा श्रवण करने के लिए खामखेड़ा जत्रा सहित आसपास के अनेक गांवों के श्रद्धालुगण पहुंच रहे है। 

कोई टिप्पणी नहीं: