सीहोर : सोमवती अमावस्या का हवन-पूजन के साथ की गई मां की आराधना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 अप्रैल 2024

सीहोर : सोमवती अमावस्या का हवन-पूजन के साथ की गई मां की आराधना

  • मरीह माता मंदिर में जड़ी-बूटियों से देंगे प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां, आगामी महाष्टमी  को रात्रि बारह बजे महा आरती का आयोजन

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सीहोर। हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि के पावन अवसर पर शहर के विश्रामघाट स्थित मरीह माता मंदिर में आस्था और उत्साह के साथ पर्व जाएगा। इस मंदिर में गुप्त नवरात्रि के अलावा चैत्र और शरदीय सभी नवरात्रि को विशेष हवन पूजन का आयोजन किया जाता है। उक्त आयोजन मंदिर के प्रबंधक गोविन्द मेवाड़ा, रोहित मेवाड़ा, जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, पंडित उमेश दुबे, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा, सुभाष कुशवाहा, सुमित भानू उपाध्याय, रामू सोनी सहित अन्य के द्वारा किया जाएगा। यहां पर सुबह हवन-पूजन के अलावा नौ दिन मां का अलग-अलग स्वरूपों में सुंदर श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा परम्परा अनुसार इस वर्ष भी महाष्टमी की रात्रि बारह बजे निशा आरती और उसके पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार से आरंभ होने वाली नवरात्रि के पर्व का समापन 17 अपै्रल को किया जाएगा। वहीं आगामी 16 अपै्रल को रात्रि बारह बजे महानिशा आरती का आयोजन किया जाएगा।


इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर के प्रबंधक श्री मेवाड़ा ने बताया कि प्राचीन मरीह माता मंदिर में सुबह साढ़े सात बजे हवन का शुभारंभ किया जाएगा। हवन सामग्री में कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण के अलावा पीपल की लकड़ी, गो काष्ठ सहित अन्य का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नवरात्रि मंगलवार से आगामी 17 अपै्रल तक मनाया जाएगा। मां दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस बार की चैत्र नवरात्रि को बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि ये पूरे 9 दिन की होगी। आगामी 17 अपै्रल तक नवरात्रि है।


आज से मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा पर्व

जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी शहर के मरीह माता मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा नवरात्रि के पहले दिन गुडी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र के प्रथम दिवस घर-घर में कलश-पूजन होता है। धूप-दीप-होम से वातावरण सुगंधित हो जाता है। यज्ञोपवीतधारी नया जनेऊ धारण करते हैं। गुड़ी पड़वा की धूम होती है। गुड़ी का अर्थ है ध्वजा। प्रतिपदा को आम बोलचाल में पड़वा कहते हैं। महिलाएं घर पर ध्वजा लगाकर द्वार को रंगोली से सजाती हैं। 

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