- मरीह माता मंदिर में जड़ी-बूटियों से देंगे प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां, आगामी महाष्टमी को रात्रि बारह बजे महा आरती का आयोजन
इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर के प्रबंधक श्री मेवाड़ा ने बताया कि प्राचीन मरीह माता मंदिर में सुबह साढ़े सात बजे हवन का शुभारंभ किया जाएगा। हवन सामग्री में कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के मिश्रण के अलावा पीपल की लकड़ी, गो काष्ठ सहित अन्य का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नवरात्रि मंगलवार से आगामी 17 अपै्रल तक मनाया जाएगा। मां दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस बार की चैत्र नवरात्रि को बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि ये पूरे 9 दिन की होगी। आगामी 17 अपै्रल तक नवरात्रि है।
आज से मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा पर्व
जिला संस्कार मंच के संयोजक मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी शहर के मरीह माता मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा नवरात्रि के पहले दिन गुडी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र के प्रथम दिवस घर-घर में कलश-पूजन होता है। धूप-दीप-होम से वातावरण सुगंधित हो जाता है। यज्ञोपवीतधारी नया जनेऊ धारण करते हैं। गुड़ी पड़वा की धूम होती है। गुड़ी का अर्थ है ध्वजा। प्रतिपदा को आम बोलचाल में पड़वा कहते हैं। महिलाएं घर पर ध्वजा लगाकर द्वार को रंगोली से सजाती हैं।
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