कविता : मुझे अन्न बना दो - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 4 मई 2024

कविता : मुझे अन्न बना दो

हे भगवान, मुझे अन्न बना दो।

सबके घर का धन बना दो।

सबके ख़ुशी का कारण बना दो।

संसार का अनमोल रत्न बना दो।।

अन्न ही हमारा एकमात्र सहारा है।

जीवन जीने का यही गुज़ारा है।।

अन्न बिन हम सब अधूरे हैं।

बिन इसके तो हम ज़ीरो हैं।।

मुझे सब प्राणियों का हीरो बना दो।

हे भगवान, मुझे अन्न बना दो।।





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अंबिका कुमारी

पटना, बिहार

(चरखा फीचर)

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