ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभः प्रचोदयात्। अर्थात नन्दिकेश्वर भगवान मेरा प्रणाम स्वीकार करें और आप मुझे सद्बुद्धि दें। ॐ शिववाहनाय विद्महे तुण्डाय धीमहि, तन्नो नन्दीः प्रचोदयात! अर्थात महादेव शिव के अनन्य सेवक नंदीकेश्वर महाराज की स्तुति और आराधना करने से अत्यंत ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। मतलब साफ है नंदी सिर्फ शिवजी के वाहन नहीं, बल्कि धर्म के प्रतीक भी है। नंदी कैलाश के द्वारपाल भी है, जो शिव का निवास है। संस्कृत में नंदी की अर्थ प्रसंनता या आनंद है। नंदी को शक्ति संपंन और कर्मठता का प्रतीक माना जाता है। शिव पूजा में गणेश जी, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी के साथ ही नंदीश्वर की भी पूजा जरूर की जाती है। नंदी को शिव जी का अवतार माना गया है। हर शिव मंदिर में शिवलिंग के साथ ही नंदीश्वर भी जरूर होते हैं। काफी लोग शिव मंदिर जाते हैं तो नंदी के कान में अपनी दर्द बयां करते है। कहते है नंदी के कान में बयां की गयी दर्द का निवारण भी हो जाता है। नंदी की इसी महत्ता को ध्यान में रखते हुए तत्काल होता है बाबा विश्वनाथ धाम में 5 मई को प्रदोष तिथि पर एकादश से नंदी महोत्सव का आयोजन होगा, जो भव्य एवं दिव्य होगा। ज्यातिषियों के मुताबिक इस दिन शिव अवतार नंदीश्वर का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। बाबा विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि माह पडने वाले दोनों प्रदोष तिथियों पर मंदिर में भव्य नंदी महोत्यव मनाया जायेगा। इसके अलावा सीईओं ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाएं एवं दान के बारे में हमारे सीनियर जर्नलिस्ट सुरेश गाधी से वार्ता की। प्रस्तुत है उसके कुछ प्रमुख अंश
जहां तक ज्ञानवापी विवाद के मामले में प्रतिक्षारत नंदी की बात है तो स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार ज्ञानवापी की उत्तर दिशा में नंदी और दक्षिण की ओर से स्थापित नंदीकेश्वर प्रतिष्ठित है. यह नंदीकेश्वर उत्तर दिशा से ज्ञानवापी के चल की रक्षा करते हैं. काशी खंड के 61 अध्याय का 143 वां श्लोक इस बात का प्रमाण है. स्कंद पुराण में इस बात का जिक्र है कि नंदी से ठीक उत्तर दिशा की ओर नंदीकेश्वर हैं और वही शिवलिंग मिला है. उत्तर में नंदीकेश्वर हैं वह सदैव रक्षा करते रहते हैं. ज्ञानवापी के उत्तर नंदीश्वर के दर्शन करने से महादेव के भक्तों की मनचाहा मुरादें पूरी होती है। स्कंद पुराण के काशी खंड के तीसरे भाग में भी शिव के साथ नंदी पूजा भी जरूरी है। :नंदीश्वर के कान में मनोकामना कहने की परंपरा है, जो भक्त नंदी के कान में कुछ कहता है, वो शिवजी तक पहुंच जाता है।
मैट के जरिए भक्तों के पांव को तपन से बचाव
प्रंचड गर्मी में दुर दराज से आएं श्रद्धालु की सममस्याओं का जिक्र करने पर विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास महादेव के धाम में उत्तम प्रबंध व्यवस्था के साथ साथ सनातन धर्म के उत्थान एवं लोक कल्याण हेतु सदैव प्रतिबद्ध है। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने गर्मी से निपटने के लिए नया प्लान बनाया है. इस कड़ी में श्रद्धालुओं के लिए जमीन पर गीली जूट की मैट, वाटर कूलर, छांव के लिए जर्मन हैंगर की व्यवस्था की गयी है। धाम में स्थित अस्पताल की सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। भक्तों के पांव तपन से न जले इसके लिए बराबर मैट को पानी से चिंचित किया जाता है। उन्होंने बताया कि नई आधुनिक तकनीक के जरिए भी श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाव के लिए बेहतर सुविधा देने की भी कोशिश की जा रही है. लाइन में लगे श्रद्धालुओं को ओआरएस घोल तो पिलाया ही जाता है। माताओं खासकर गर्भवती महिलाओं एवं माताओं के साथ नन्हें मुन्ने बच्चो का भी खास ख्याल रखा जाता है। माताओं द्वारा अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिए अलग से केबिन की व्यवस्था की गयी है। उन्हें भी ओआरएस का घोल तो दिया ही जाता है। बच्चों को घर के लिए भी ओआरएस पैकेट दिया जाता है।
बेहतर अस्पताल की भी सुविधा
विश्व भूषण मिश्रा के अनुसार सभी अस्थाई समाधान के अलावा स्थाई रूप से भी बेहतर विकल्प निकालकर लागू कराया जाएगा. धाम में एक अस्थाई अस्पताल स्थापित है जिसमें चिकित्सकीय सेवाएं मिलती हैं. गर्मी में लू की वजह से भी लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है इसलिए अस्पताल की सुविधाओं को पूरी तरह से व्यवस्थित किया गया है।
दान व श्रद्धालुओं के आगमन के टूटे सभी रिकॉर्ड
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में पहुंचने का क्रम जारी है. हर आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए देशभर से श्रद्धालु भगवान शंकर के इस सबसे बड़े धाम में अपनी मुराद को पूरी करने के लिए पहुंच रहे हैं. काशी विश्वनाथ धाम में केवल आम श्रद्धालु नहीं बल्कि सियासत, प्रशासनिक, उद्योग व बॉलीवुड सहित अन्य जगत के भी नामचीन हस्तियों का पहुंचना जारी है. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के मुताबिक बाबा के खजाने में मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने रिकार्ड संख्या में चढ़ावा अर्पित किया है. इसके अलावा बीते वर्ष की तुलना में 2022-23 वित्तीय वर्ष में तकरीबन 200 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. यह उनकी बाबा के प्रति आस्था है, जिसको श्रद्धालुओं ने समर्पण भाव से बाबा भोलेनाथ को समर्पित किया है. बीते वर्ष की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 191.31 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.
बाबा काशी विश्वनाथ को 58.51 करोड़ का चढ़ावा
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि मंदिर प्रशासन प्रत्येक श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन के लिए हमेशा तत्पर है. काशी सहित देश के अलग-अलग राज्यों से विभिन्न क्षेत्र के जुड़े लोगों ने बाबा काशी विश्वनाथ को 58.51 करोड़ रुपए का चढ़ावा अर्पित किया है. दिसंबर 2021 में काशी विश्वनाथ मंदिर का नया स्वरूप काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के रूप में तैयार किया गया. इस दिन से ही न केवल प्रमुख तिथि जैसे महाशिवरात्रि, सावन के दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं बल्कि अब आम दिनों में भी लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. केवल 27 महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेका हैं. महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शाम 6 बजे तक ही पुराने सभी रिकॉर्ड टूट गए थे। शाम पांच बजे तक 7,57,541 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इस पर्व पर 18 लाख लोगों ने बाबा के दर्शन किए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि 17 मार्च 2024 को सामान्य दिवस (पर्व के अतिरिक्त) दर्शनार्थियों की सर्वाधिक दैनिक संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ। इस दिन कुल 5,03,024 दर्शनार्थियों ने महादेव के दर्शन प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर लोकार्पण के पहले सामान्य दिनों में भक्तों की संख्या लगभग 20 से 30 हज़ार के आसपास रहती थी, जबकि लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 1.5 लाख से 2 लाख हो गई थी।
लोकतंत्र के महापर्व में करें मतदान
लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन अलग- अलग तरकीब अपना रही है। इसी कड़ी में काशी विश्वनाथ मंदिर में भी मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मंदिर प्रांगण में पोस्टर, टोकन, टिकट, वेबसाइट पर भी अपील की जा रही है। मतलब साफ है काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ श्रद्धालुओं को लोकतंत्र के महापर्व में मतदान आपका अधिकार ही नहीं, राष्ट्रीय कर्तव्य भी का बोध करा रहे हैं। राष्ट्र की उन्नति व विकास के लिए वोट का संदेश दे रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए काशी विश्वनाथ धाम में पोस्टर लगाए गए हैं। विभिन्न प्रकार के टोकन और टिकट पर भी मतदान की अपील की गई है। ऑफिशियल वेबसाइट से भी यह संदेश दिए जा रहे हैं। देश-प्रदेश से आए श्रद्धालुओं से एक तरफ जहां न्यास की तरफ से वोट देने की अपील की जा रही है, वहीं काशीवासियों को भी वोट प्रतिशत बढ़ाने का संदेश दिया जा रहा है। मेरी काशी, मेरी शान-एक जून को करें मतदान आदि स्लोगन के जरिए स्थानीय लोगों को भी हर हाल में सातवें चरण में वोट देने का संदेश दिया जा रहा है।
मार्च में 11.15 करोड़ का किया गया दान
पिछले साल के मार्च माह के मुकाबले मंदिर में इस मार्च में 3 करोड़ 83 लाख, 45 हजार, 942 अधिक है। इस साल के मार्च माह में 11 करोड़ 14 लाख 62 हजार 600 रुपये का चढ़ावा आया है। जबकि पिछले मार्च में मंदिर की आय 7 करोड़ 31 लाख, 15 हजार, 658 था। ऐसे में भक्तों के आगमन के साथ ही बाबा विश्वनाथ की आय में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। खास बात यह है कि जुलाई 2023 यानी सावन माह में भी आंकड़ा मात्र 8 करोड़ 11 लाख, 21 हजार 619 रुपये ही था। पिछले साल के मुकाबले मंदिर की आय में 191 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बाबा विश्वनाथ को श्रद्धालुओं ने 58.15 करोड़ से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया है। दो सालों में 13 करोड़ दर्शनार्थियों ने भगवान शिव के दर्शन किए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में न्यास में अभी तक का सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ा है। यह राशि 58.51 करोड़ से अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष की आय में लगभग 191 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें कई मूल्यवान वस्तुएं भी शामिल हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 12.84 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है। वर्ष 2022 में 7.11 करोड़ और साल 2023 में 5.73 करोड़ शिव भक्तों ने बाबा विश्वनाथ में शीश नवाया।
वर्ष आय
2017-18 20.14 करोड़
2018-19 26.65 करोड़
2019-20 26.43 करोड़
2020-21 11.10 करोड़
2021-22 20.08 करोड़
2022-23 20.08 करोड़
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी




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