वाराणसी : गुरुदास मान और अनुराधा पौडवाल के भजनों पर झूमी काशी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 मई 2024

वाराणसी : गुरुदास मान और अनुराधा पौडवाल के भजनों पर झूमी काशी

  • जब गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी रैंप पर वाक करते हुए दर्शकों पर प्यार के फूल बरसाएं तो हर कोई अपने को धन्य समझता नजर आया 
  • हममें से हर कोई अपना योगदान देकर गौरवान्वित विकसित भारत का एंबेसडर  बन सकता है : श्रीश्री रवि शंकर

Gurdas-maan-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी) विकसित भारत एंबेसेडर के तत्वावधान में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के सहयोग से शनिवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान में आयोजित समरोह में भजन सम्राट गुरुदास मान और अनुराधा पौडवाल के भजनों पर पूरी काशी झूमती नजर आयी। उनकी संगीतमय प्रस्तुति से पूरा माहौल संगीतमय हो गया। वहां मौजूद लोग आध्यात्मिकता की गहरी अनुभूति का अनुभव करते हुए भजनों की भावपूर्ण और मधुर धुनों में डूबते उतराते रहे। खासकर जब गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी रैंप पर वाक करते हुए दर्शकों पर प्यार के फूल बरसाएं तो हर कोई अपने को धन्य समझता नजर आया। गुरुदेव श्रीश्री रवि शंकर जी ने कहा हममें से हर कोई अपना योगदान देकर गौरवान्वित विकसित भारत का एंबेसडर  बन सकता है। राष्ट्र-निर्माण, विकास और प्रगति की इस भावना को औपचारिक रूप देने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने ’विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया है। सभी को इस जन-संचालित आंदोलन में शामिल होना चाहिए और 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में सहायता करनी चाहिए। इसके पूर्व रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में शहर के प्रमुख उद्यमियों, उद्योगपतियों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टरों, कलाकारों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने भाग लिया। गुरुदेव के ज्ञानवर्धक प्रवचन के बाद, एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया जहां प्रतिभागियों ने खुशी के सार और एक पूर्ण जीवन जीने के बारे में प्रश्न पूछे और चिंताओं को साझा किया। पूरे आयोजन के दौरान, विचार-विमर्श विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक विरासत और सामूहिक कार्रवाई की भूमिका पर केंद्रित रहा और उपस्थित लोगों को अपने दृष्टिकोण और विचारों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया, जिससे दृष्टिकोण के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिला। जैसे ही कार्यक्रम संपन्न हुआ, उपस्थित लोगों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस दृष्टिकोण का प्रचार करने के लिए प्रेरित और तैयार किया गया।

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