कविता : हौसलों से भरी जिंदगी की रफ्तार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 23 जून 2024

कविता : हौसलों से भरी जिंदगी की रफ्तार

 आसमान से ऊंचा और,

हौसलों से भरी जिंदगी की रफ्तार,

आओ कुछ ऐसा काम कर जाएं,

के सबसे ऊंचा हो अपना नाम,

मेहनत की कलम से,

लिखें कुछ ऐसी किस्मत अपनी,

के अब एक नई शुरुआत की जाए,

क्यों भरोसे बैठे अपनी किस्मत पर?

हवाओं से भी ज्यादा रफ्तार की जाए,

सुनी सुनाई बातों पर भरोसा क्यों करें?

आओ मेहनत से मुकाम हासिल करें,

दम भर लो हौसलों में इतना,

के जिंदगी में कभी हार न पाएं,

मिल जाए हमें भी वह मंजिल,

जिसके लिए हम कदम बढ़ाएं,

सूरज की रोशनी सी चमके हम,

और ऊंचे ओहदे पर पहुंच जाएं,

आओ कुछ ऐसा काम कर जाएं,

आसमां से ऊंचा अपना नाम कर जाएं,

छोड़ दो वक्त के पहिए को गिनना,

अब शुरू करो चलना तुम,

कब तक ठहरे रहोगे ऐसे?

अब वक्त और हालात पर,

मन से कभी न हारना तुम,

फिर तन से भी ना हारोगे तुम,

किस्मत से लड़ के तो देखो,

वक्त अपना संवारोगे तुम,

आओ कुछ ऐसा काम कर जाएं,

आसमां से ऊंचा अपना नाम कर जाएं,

मेहनत की कलम से लिखे किस्मत अपनी,

आज ही एक नई शुरुआत कर जाएं।




Mansi-kumari-charkha-feature

मानसी कुमारी

वर्ग- 9वीं

उच्च माध्यमिक विद्यालय जारंग पूर्वी,

गायघाट, मुजफ्फरपुर, बिहार

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