मधुबनी, राजद जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय ने जदयू सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है। कि यह संगत का असर है. भाजपा के साथ जाने के बाद जदयू के नेताओं को भी धर्म और जाति दिखाई देने लगाहै। चुनाव में कौन किसे वोट देता है, नहीं देता है, यह चुनाव तक ही सीमित रहता है। पढ़े-लिखे लोगों को इस तरह की भाषा से परहेज करना चाहिए, जो भी एमपी-एमएलए होता है, वो पूरी जनता का प्रतिनिधि होता है, उस क्षेत्र का प्रतिनिधि होता है। सबका काम करना उनका कर्तव्य बनता है। लेकिन सोचने वाली बात है। की देवेशचंद्र ठाकुर नीतीश कुमार के चेहते नए-नवेले सांसद है। सबसे कम आबादी से संबंध रखने वाला जदयू सांसद बिहार की 32 फ़ीसदी आबादी को ढेंगा दिखा रहा है। कल को दूसरे वर्ग वोट नहीं करेंगे तो उनके प्रति भी इसका यही दुर्भाव रहेगा? विधान परिषद चुनाव में चंद हजार वोट पाकर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे तो वही गुमान अभी भी है जदयू सांसद का यह बयान यादव और मुसलमानों के लिए अब नहीं करेंगे काम, दोनों समाज के लोग कोई काम करवाने आते हैं तो आएं लेकिन चाय नाश्ता कर वापस चला जाए, उनका काम नहीं करूंगा। संविधान और पद के प्रति इनको दिलाए गए शपथ की धज्जियाँ उड़ा रहा है। समाज में विभाजन पैदा कर राज करना ही प्रदेश की तीसरे नंबर की पार्टी जदयू का असल चरित्र बनता जा रहा है। और ऐसे लोग ही नीतीश कुमार की किचन कैबिनेट के अहम सदस्य है। इन लोगों को पता होना चाहिए बिहार विधानसभा चुनाव बेईमानी से जीते थे वो भी महज़ 12 हजार वोट से। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रदेश की 70 फ़ीसदी आबादी को ये कुछ तथाकथित संकीर्ण मानसिकता वाले जातिवादी लोग हमेशा घृणा की दृष्टि से देखते है।
मंगलवार, 18 जून 2024
मधुबनी : जदयू सांसद का नफरती बयान संगत का असर : राजद
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