पटना : अपराधी कहने वाले पत्रकार पर एफआईआर दर्ज हो - भाकपा माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 23 जून 2024

पटना : अपराधी कहने वाले पत्रकार पर एफआईआर दर्ज हो - भाकपा माले

  • भाकपा माले नेता कॉमरेड सुरेश राम पर से फर्जी मुकदमा वापस लो - भाकपा माले

Cpi-ml-protest
पटना। भाकपा माले नेता कामरेड सुरेश राम की गिरफ्तारी के खिलाफ गुठनी पार्टी कार्यालय से तेनुआ मोड़, गुठनी बजार से चौराहा तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। मार्च के नेतृत्व भाकपा माले नेता रामाजी यादव,इंद्रजीत कुशवाहा ने किया। नेताओ द्वारा कहा गया कि वर्षो पहले से सामंती उत्पीड़न के खिलाफ भाकपा माले ने बहुत मजबूती से लड़ाई लड़ते आ रही है,और सामंती द्वारा लगातार माले नेताओ को फर्जी मुकदमा में फंसाया गया है,जब जब गरीबों पर हमला होता था, जहां भी कोई घटना होता है भाकपा माले गरीबों के पक्ष में और सामंतियो से खिलाफ अपना मुखर आवाज को बुलंद करती है,और गरीबो के लड़ाई लड़ने के नाम से भाकपा माले की पहचान है, इसी लड़ाई  की हिस्सा में मजदूरी के सवाल पर,दलित गरीबों के मान सम्मन के लिए भाकपा माले के नेता कामरेड सुरेश राम मजबूती से लड़ रहे थे,और इस लड़ाई को समंतिओ से देखा नही गया और कामरेड सुरेश राम को फर्जी मुकदमा में फसाया गया। 

      

कामरेड सुरेश राम कोई अपराधी नही है बल्कि गरीबों के मसीहा और जनता की आवाज है, लेकिन कुछ भाजपाई मानसिकता,सामंती पत्रकारो के द्वारा अपराधी शब्द बोल कर भाकपा माले के नेताओ को बदनाम किया जा रहा है,हम जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जो पत्रकार अभद्र शब्द का प्रयोग कर रहे है उन पर अभिलंब मुकदमा हो,माले नेताओ को द्वारा प्रशासन की गिरफ्तारी प्रकिया की निंदा किया गया,क्योंकि सुरेश राम के नाम से पहले से किसी प्रकार का कोई नोटिस नही आया था.नहीं बेल कराने के लिए कोर्ट से कोई सूचना मिली थी।अचानक गिरफ्तार किया गया।ये सुरेश राम के साथ बहुत ही गलत हुआ।पूरे देश में भाजपा के द्वारा दलित नेताओं को चिन्हित कर के फर्जी मुकदमा में फंसाया जा रहा है और जेल भेज जा रहा है।लेकिन भाजपा के बलात्कारी नेताओ को रिहा किया जा रहा है. नेताओ ने इस प्रतिवाद मार्च से मांग किया है की भाकपा माले नेता कामरेड सुरेश राम पर से फर्जी मुकदमा वापस हो। और अभद्र शब्द का प्रयोग करने वाले पत्रकार को अभिलंब गिरफ्तारी हो। मौके पर गजराज राम, अनिल राम, शेषनाथ राम, फेकू बैठा, चंद्रप्रकाश शाह,अंगद पटेल, भिखी राम,बिन्दा देवी, सहलान्ति देवी, भोलेनाथ चौहान, मंटु चौधरी एवं तमाम सैकड़ो लोग थे।

कोई टिप्पणी नहीं: