कविता : जागो अपने हक के लिए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

कविता : जागो अपने हक के लिए

उठो अब जागो अपने हक के लिए,

डर को दूर भगाओ अपने हक के लिए,

लड़ना भी तुम सीख जाओगे,

पढ़ना भी तुम सीख जाओगे,

जागो लड़कियों अब अपने हक के लिए,

कब तक सहोगी यह अत्याचार,

शिक्षा से करो पलटवार तुम,

बता दो दुनिया को अपना हाल तुम,

तुम्हारे लिए भी है ज्ञान का सार,

अपने लिए भी लड़ना सीखो,

आगे तुम अब बढ़ना सीखो,

नहीं देगा तुम्हारा कोई साथ,

छीन लो तुम अपना अधिकार,

एक छोटी सी किरण मिले तो,

तुम उसको अपनी नींव बना दो,

एक मीठी सी मुस्कान से तुम,

दुनिया को अपनी पहचान बता दो।।







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श्रेया जोशी

कपकोट, बागेश्वर

उत्तराखंड

चरखा फीचर

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