कविता : है जुनून, है जज़्बा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 18 अगस्त 2024

कविता : है जुनून, है जज़्बा

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,

अपनी हर मुश्किल से लड़ने और भिड़ जाने का,

अपने हर डर को खुद से खुद में हराने का,

अपना सारा जीवन देश की सेवा में लगाने का,

अपने देश की आन बान शान बढ़ाने का,

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,

अपने देश के लिए मर मिट जाने का,

माना कि रास्ते में कठिनाइयां बहुत हैं,

हर कठिनाई को पार कर जाने का,

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,

जाऊं जब मैं इस दुनिया से हर कोई याद करे मुझे,

गर्व से ले नाम मेरा, ऐसी पहचान बनाने का,

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,

मर के भी दुनिया में अमर हो जाने का,

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,

अपने देश के लिए मर मिट जाने का।।




Priyanka-charkha-feature


प्रियंका

गनीगांव, उत्तराखंड

चरखा फीचर

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