- सिर पर कलश लिए पहली पंक्ति में नारी शक्ति तो पीछे पूरा वैश्य समाज का हुजूम
- अब हर साल सावन के अंतिम सोमवार से पहले बुधवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेगा वैश्य समाज : रवीन्द्र जायसवाल
डमरुओं की गड़गड़ाहट से गुंजित शोभायात्रा जब बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचा तो मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं का फूलों की पंखुड़ियों से स्वागत किया। इसके बाद वैश्य समाज की महिलाएं एवं पुरुषों 1001 कलशों से बाबा काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इस दौरान सर्व वैश्य समाज के संरक्षक एवं मुख्य अतिथि रवीन्द्र जायसवाल आदि ने बाबा का विधिवत पूजन अर्चन किया। इसके बाद धाम में ही बनारस के संगीत घराने के कई विश्वविख्यात गायकों का कजरी गायन, श्री श्याम मंडल वाराणसी के सदस्य भजन, अंतरराष्ट्रीय भजन गायक शुभम् रूपम भजनों की प्रस्तुति दी गयी। भजन संध्या एवं कजरी गायन में प्रसिद्ध गायिका पद्मश्री सुश्री सोमा घोष, सुश्री सुचारिता गुप्ता एवं सुश्री सुमन अग्रहरि ने अपनी गायिकी ऐसा समा बांधा कि पूरा वैश्य समाज भोलेनाथ की भक्ति में झूमने लगा। इसके बाद मां अन्नपूर्णा की कृपा से बनारसी व्यंजन कचौड़ी, सब्जी व जलेबी का भंडारा किया गया, जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस दौरान मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने ऐलान किया कि अब हर साल सावन के चौथे बुधवार को सर्व वैश्य समाज जलाभिषेक समिति बाबा विश्वनाथ का सामूहिक जलाभिषेक करेगी। मंत्री ने बताया कि बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक देश के सभी तीर्थों की नदियों के जल, पंचामृत, गन्ने के रस और गाय के दूध से किया गया। अध्यक्षता करते हुए आरके चौधरी ने बताया कि पहली बार काशी में होने वाला यह धार्मिक अनुष्ठान अपने आप में अनोखा रहा। सर्ववैश्य समाज की सहभागिता रंग लायी। मारवाड़ी समाज भवन लक्सा से ढोल नगाड़े और डमरू दल के साथ विश्वनाथ धाम के लिए निकली शोभायात्रा लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। महामंत्री दीपक कुमार बजाज ने कहा कि सर्व वैश्य समाज आगे भी इस तरह के आयोजनो को करती रहेगी। इस दौरान आरके चौधरी व महामंत्री दीपक बजाज द्वारा मंत्री रवीन्द्र जायसवाल व उनकी धर्म पत्नी अंजू जायसवाल सहित कलाकारों का अंगवस्त्रम भेटकर सम्मानित किया गया। शोभायात्रा में मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के पुत्र आयुश जायसवाल का सराहनीय योगदान रहा। शोभायात्रा में काशी जायसवाल महासभा के अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, अनिल जायसवाल, भरत सर्राफ, गोविंद केजरीवाल, वेद अग्रवाल, डॉ. सुमंत गुप्ता, प्रदीप तुलस्यान, मनोज जाजोदिया, सुरेश तुलस्यान, पुरुषोत्तम जालानख् रमेश जायसवाल आदि शामिल थे।
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