मैं कौन हूँ, मैं क्या हूँ?
क्या बताऊं कि मैं क्या हूँ?
मैं कहाँ जाकर छुप जाऊँ,
मैं रुक जाऊँ या आगे बढ़ जाऊँ,
ये समय आया है आज,
मेरे मन में डर छाया आज,
कितनी बेटियों को मारा है आज,
सब माँओ के दिल में डर छाया है आज,
मेरे पिता घबराये हैं आज,
सबके भाई अगर अच्छे हैं आज,
तो ये राक्षस कहाँ से आया है आज?
कब खत्म होगा इन राक्षसों का अत्याचार,
कब होगा बेटियों का सुरक्षित राज?
कब होगी शांति इस दुनिया में?
क्या कोई बतायेगा यहाँ आज?
क्या अंधी हो गई है ये दुनिया सारी?
बेटियों पर ज़ुल्म क्यों नहीं दिखता आज?
ऋतिका
बीए पार्ट - 1
गरुड़, बागेश्वर
उत्तराखंड
चरखा फीचर्स
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