आखिर क्यों? स्त्री की आंखों से टपकती है धारा?
लोगों ने जब उसपर जुल्म बहुत है ढ़ाया,
जाने क्यूं मर्दों ने उसे समझा है कमजोर,
और उसपर पौरुष का लगाया जोर,
कभी मारा, कभी दी गाली और कभी सताया,
क्यों घृणा की नजर से देखी जाती है औरत?
क्यों उसे कमज़ोर समझता है ये समाज?
देश बदला और दुनिया बदली, मगर,
बदली ना कभी औरत की काया,
आखिर क्यों, स्त्री की आंखों से टपकती है धारा?
अंजली भारती
मुजफ्फरपुर
चरखा फीचर्स
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