कविता : चिड़िया आसमान में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

कविता : चिड़िया आसमान में

चिड़िया आसमान में नया सवेरा लाती है,

नई ऊंचाइयों को गगन में खोज नई लाती है,

बादलों के गरजने से, बूंदों के बरसने से,

चिड़िया का घर हमेशा बिखरते रहता है,

इसीलिए वह चिड़िया देखो ज़रा,

नई खोज, नई दिशा में उड़ती जाती है,

एक-एक तिनका का यूं चुन चुन कर,

नया घोंसला अपना फिर से बनाती है।।





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चांदनी कुमारी

मुजफ्फरपुर, बिहार

चरखा फीचर्स

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