- व्यास तहख़ाने की छत पर नमाज़ पढ़ने के साथ ही नीचे तहख़ाने में पूजा भी होती रहेगी
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें
16 दिसम्बर, 2023 को कानपुर की आकांक्षा तिवारी, लखनऊ के दीपक प्रकाश शुक्ला, अमित कुमार और सुविद प्रवीण ने ये याचिका दाख़लि की थी. याचिका के मुताबिक़, व्यास तहखाना बहुत पुराना है और इसकी छत कमज़ोर है. पानी टपकता है. तहख़ाने के पिलर भी कमज़ोर हैं. फिर नमाज़ियों के आने-जाने से छत पर भार बढ़ता है. ऐसे में नमाज़ियों को छत पर नमाज़ करने से रोका जाए और तहख़ाने की मरम्मत कराई जाए. वरना यहां कोई भी हादसा हो सकता है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका का विरोध किया था. दलील दी कि वो सालों से छत पर नमाज़ पढ़ रहे हैं, छत इतनी भी कमज़ोर नहीं कि आवाजाही से ढह जाए. मुस्लिम पक्ष ने कहा, “सालों से मुसलमान यहां पांच वक़्त की नमाज़ बिना रोक-टोक के पढ़ते चले आ रहे हैं. ज्ञानवापी में क्षमता के अनुसार जितने नमाज़ी आ सकते हैं, उतने ही लोग नमाज पढ़ते हैं. बिना वजह वहां कोई नहीं घूमता.”आर्डर
सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल ने दोनों पक्षों को सुना. उन्होंने तहख़ाने में चल रही पूजा को यथावत रखा, मगर तहख़ाने के कस्टोडियन ज़िलाधिकारी को आदेश दिया कि किसी भी प्रकार की मरम्मत की अनुमति न दें.
हिन्दू पक्ष नाराज
फ़ैसले के बाद हिंदू पक्ष नाख़ुश है. वो पूछ रहे हैं कि अगर कोई हादसा होता है, तो कौन ज़िम्मेदार होगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि वो उच्च अदालत में अपील करेंगे. हिन्दू पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि व्यास जी के तहखाने की मरम्मत करने के विषय पर हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के मद्देनजर न्यायाधीश ने यह निर्णय दिया। उन्होंने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) हितेश अग्रवाल की अदालत ने तहखाने में जारी पूजा गतिविधियों को बरकरार रखा है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों और शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए गुरूवार को यह आदेश दिया।
अब डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में करेंगे अपील
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि अब हिंदू पक्ष तहखाना की मरम्मत के संदर्भ में जिला न्यायाधीश की अदालत में अपील करेगा। उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद 31 जनवरी को व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना फिर से शुरू हो गई, जिससे श्रद्धालुओं को स्थापित मूर्तियों के दर्शन करने की अनुमति मिल गई। हालांकि, हिंदू पक्ष ने तहखाने की पुरानी और कमजोर छत के कारण इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और मरम्मत कार्य के लिए कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की।
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