कविता : सपने पूरे करने हैं मुझे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 16 नवंबर 2024

कविता : सपने पूरे करने हैं मुझे

सपने मुझे खुद ही पूरे करने हैं,

मंज़िले मुझे खुद तय करनी है,

राह आसान नहीं, पर चलना है,

हौसला रख कर मुझे करना है,

विश्वास से आगे को बढ़ना है,

अब पीछे मुझे नहीं हटना है,

हर मोड़ पर मुझे मंजिल पानी है,

हर कदम पर सही निर्णय लेनी है,

अब कदम नहीं मुझे डगमगाना है,

रोकेगी दुनिया, टोकेगी दुनिया मुझे,

हर कदम पर बाधाएं खड़ी करेगी दुनिया,

मगर अब कहीं मुझे नहीं रुकना है, 

किसी के सामने नहीं झुकना है,

हर मंज़िल को पार करनी है,

हर सपने मुझे पूरे करने हैं।।





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पार्वती आर्य

गुलेर, कपकोट

बागेश्वर, उत्तराखंड

चरखा फीचर्स

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