- भागवत कथा में धूमधाम से हुआ कृष्ण-रुक्मणी विवाह
सीहोर। शहर के चाणक्यपुरी स्थित श्री गोंदन सरकार धाम में श्री गोंदन सरकार हनुमान महाराज की असीम अनुकंपा एवं दिव्य संरक्षण द्वारा बह्मलीन अनंत श्री पंडित महावीर शरण चतुर्वेदी दद्दा की पावन पुण्य स्मृति प्रतिवर्षानुसार संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों के दौरान श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और जमकर नाचे। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण और माता रुकमणी की झांकी भी सजाई गई थी। कथा के छठवे दिन कथा व्यास पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज ने कहा कि रुक्मणी भगवान की माया के समान थीं, रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं लेकिन रुक्मिणी का भाई रूकमी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था इससे उसने उस विवाह को रोक कर, शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मिणी को दु:ख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा साथ ही अपने आने का प्रयोजन बताया। इसके बाद श्री कृष्ण जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। परंतु उनकी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं भगवान श्री कृष्ण व रुक्मणी की झांकी के दर्शन किये कथा में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
ऊधो-गोपी संवाद का भी मार्मिक ढंग से वर्णन किया
शनिवार को पंडित राघवेन्द्राचार्य महाराज ने कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस ने मथुरा में आतंक मचा रखा था। भगवान कृष्ण ने उसका वध कर आतंक से मुक्ति दिलाई। दुष्ट कंस के बुलाने पर श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई दाऊजी के साथ मथुरा पहुंचे। जहां उनके दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। मल्ल युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। भगवान श्रीकृष्ण के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। ऊधो-गोपी संवाद का भी मार्मिक ढंग से वर्णन किया। कहा कि कृष्ण के कहने पर ऊधो गोकुल पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि गोपियां श्रीकृष्ण के विरह में डूबी हैं। ऊधो ने गोपियों को समझाया कि श्रीकृष्ण तो निर्गुण, निराकार और सर्वव्यापक हैं। फिर वे उनके विरह में पागल क्यों हो रही हैं। यह सुन गोपियां ऊधो पर बरस पड़ती हैं और कहती हैं कि अपने ज्ञान को अपने पास रखें। हम तो सगुण, साकार कन्हैया के उपासक हैं।
आज विश्राम दिवस, भक्त सुदामा का वर्णन
मंडल की ओर से पंडित जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि रविवार को सात दिवसीय भागवत कथा का विश्राम किया जाएगा। इस मौके पर कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण और भक्त सुदामा के चरित्र का वर्णन के अलावा प्रसादी का वितरण किया जाएगा। शनिवार को कथा के यजमान अशोक गोयल और मधु गोयल आदि ने आरती की।
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