- कहा यह सार्वजनिक हित से जुड़े मुद्दों पर सांसदों को चुप कराने की यह एक साजिश है
उन्होंने कहा कि जब आज यात्री रेलवे सुरक्षा, किराया वृद्धि, सुविधाओं की कमी और भारतीय रेलवे द्वारा अपमानजनक व्यवहार जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में रेलवे की स्थायी समिति के सदस्यों को इस प्रकार के महंगे उपहार देना सार्वजनिक हित से जुड़े मुद्दों पर सांसदों को चुप कराने की एक गहरी साजिश भी है. उन्होंने आगे कहा कि रेलवे में कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलता. उन्हें ठेके पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और ठेकेदारों के हाथों परेशान किया जाता है. इसी तरह, आम लोगों को सामान्य और स्लीपर डिब्बों में गरिमा के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए नई ट्रेनें शुरू नहीं की जा रही हैं. उसकी जगह वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. जाहिर सी बात है कि रेलवे की सुविधा आम लोगों से छीन लेने की कोशिश ही मोदी राज में हुई है. सरकार को इन पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक संसद सदस्य के रूप में इस तरह के उपहार पर नाराजगी और दुख व्यक्त करता हूँ और इसे वापस करता हूँ.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें