मत्स्यगंधा झील सहरसा के विकास के लिए 97.61 करोड़ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 5 दिसंबर 2024

मत्स्यगंधा झील सहरसा के विकास के लिए 97.61 करोड़

  • कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कुल 3295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी

matasyagandha-jhil-saharsa
नई दिल्ली (रजनीश के झा)। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन देते हुए देश भर के 23 राज्यों में कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 3295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य उच्च ट्रैफिक वाली जगहों पर दबाव कम करना और देश भर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देना है। कम-जानकारी वाले स्थलों पर ध्यान केंद्रित करके, मंत्रालय समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और नई परियोजनाओं के चयन के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने की उम्मीद करता है।


परियोजना में सरकारी निवेश उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और रोजगार पैदा करेगा। गंतव्यों पर निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और पूंजी का लाभ उठाकर, राज्य सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बना सकते हैं, स्थानीय सुविधाओं में सुधार कर सकते हैं और अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे वे अंततः क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। मंत्रालय समुदाय-आधारित पर्यटन पर भी जोर दे रहा है जो स्थानीय आबादी को सशक्त बनाता है और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखता है। पर्यटन योजना में संपोषित प्रथाओं को एकीकृत करके, राज्य सरकारें सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों की सुरक्षा करते हुए दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने में सक्षम होंगी। पर्यटन मंत्रालय राज्य सरकारों को अपनी पर्यटन परियोजनाओं में उन्नत प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है। प्रौद्योगिकी को अपनाकर, राज्य कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित कर सकते हैं, पर्यटक प्रवाह को अनुकूलित कर सकते हैं और क्षेत्र में विकास के लिए टिकाऊ, नवीन समाधान प्रदान कर सकते हैं।


पृष्ठभूमि

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की पूंजी निवेश के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) योजना के अंतर्गत, पर्यटन मंत्रालय की ओर से वैश्विक पैमाने पर प्रतिष्ठित पर्यटक केंद्रों के विकास के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए गए थे। इस योजना का उद्देश्य देश में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों को व्यापक रूप से विकसित करने, वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए राज्यों को 50 वर्षों की अवधि के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त कर्ज प्रदान करना है। परियोजनाओं के रूप में पूंजी निवेश को बढ़ावा देकर, यह योजना स्थायी पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन की परिकल्पना करती है। राज्यों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2 साल की समयसीमा दी गई है। पर्यटन मंत्रालय ने दिशानिर्देशों के अनुरूप और प्रक्रिया/ मानदंड के अनुसार, 23 राज्यों में 3295.76 करोड़  रुपये की 40 परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिन्हें व्यय विभाग की ओर से स्वीकृत किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: