जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष बचनू मंडल ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्र भारत के एकमात्र सर्वप्रथम समाजवादी नेता थे जिन्होंने समाज के वंचित एवं शोषित वर्गों की पीड़ा तथा सामाजिक व आर्थिक दशा को उसमें खुद जी कर बहुत ही क़रीब से महसूस किया था तथा बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद इनके निदान हेतु अनेक लोक कल्याणकारी सरकारी प्रयास भी किए जो मध्यम जोत के किसानों, महिलाओं सहित समाज के दलित, शोषित एवं वंचित वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तथा राजनीतिक उत्थान की दिशा में एक सकारात्मक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। श्री मंडल ने बताया कि अपने अल्पकालीन मुख्यमंत्रित्व काल में कर्पूरी जी ने प्रारंभिक मैट्रिक स्तरीय परीक्षा में शैक्षणिक पाठ्यक्रम से विदेशी भाषा अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में मूक क्रांति को जन्म दिया , जिसके बाद साधन के अभाव में अंग्रेजी भाषा में अपेक्षित निपुणता अप्राप्ति के बावजूद भी छात्र मैट्रिक की परीक्षा पास कर जीवन की प्रतियोगिता में सफल होने लगे। फलत: राज्य की शैक्षणिक दर सहित महिलाओं के शैक्षणिक स्तर में जबरदस्त इजाफा हुआ ।
मध्यम जोत के किसानों की मालगुजारी माफ करने, अति पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रदान कर विशेष अवसर प्रदान करने सहित उनके कई सरकारी फैसलों ने उन्हें स्वत: स्फूर्त जननायक की संज्ञा प्रदान की। श्री मंडल ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर महिलाओं सहित समाज के वंचित वर्गों को सरकारी नौकरियों एवं राजनीतिक क्षेत्रों में विशेष अवसर देने के पक्षधर थे, जिससे समतामूलक समाज का निर्माण संभव हो। जननायक के विचार और कृतित्व आज भी प्रासंगिक हैं जिन पर चलते हुए आधुनिक बिहार के विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे लोककल्याणकारी फैसलों से जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के अधूरे सपनों को साकार करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। समारोह में नीतीश कुमार राम, ऋषिराज कुमार मंडल,प्रशांत सहनी, गणेश झा,सुंदरम गुप्ता,आयुष मंडल, राहुल सहनी,दीपक मंडल,सत्यम कुमार ठाकुर सहित दर्जनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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