- नही लगाने दिया दोराहा तहसीलदार ने टेंट और माइक, खेड़ापति के लिए पेड़ के नीचे हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना था की वर्षो पहले हमारे पूर्वज ग्राम इमलिया हसन छोड़कर परिवार के साथ बरखेड़ा देवा चौकी में रहने लगे थे जबकी आराध्य देव खेड़ापति हनुमान जी का मंदिर इमलिया हसन में ही मौजूद रहा यह से बरखेड़ा चौकी से इमलिया पहुंचकर ग्रामीण हनुमानजी की पूजा अर्चना करते रहे। बीते दिनों किसी हिन्दू संगठन के द्वारा इमलिया हसन में हनुमानजी की प्रतिमा क्ष्तिग्रस्त किए जाने का आरोप भी लगाया गया था। हालाकी इस प्रकार की घटना यह हुई नही थी। विवादों से बचने के लिए इमलिया हसन के मुस्लिम समाजजन भी हिन्दुओं के आराध्य देव हनुमानजी महाराज के मंदिर निर्माण में सहर्ष सहयोग करने की इच्छा रखते है और हिन्दू समाज के लोग भी चौकी में हनुमानजी का मंदिर निर्माण कर खेड़ापति की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराने के पक्ष में है इस संबंध में ही ज्ञापन दिया गया था लेकिन प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों के द्वारा सोमवार से दोराहा तहसील कार्यालय के सामने टेंट लगाकर भूख हड़ताल शुरू की जा रही थी लेकिन तहासीलदार और थाना प्रभारी ने टेंट नहीं लगाने दिया और मइक भी नहीं बजाने दिया जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश बना रहा है। भूख हड़ताल पर बैठे सुनील जाटव,किशनलाल, रतनसिंह कसौटियों, बाबूलाल, अशोक कुमार, हरिसिंह कांसोटिया,संजीव कुमार, राजीव, विनोद ने बताया की हमारे प्रति प्रशासन कर रवैया ठीक नही है। हमारी मांग जायज है और दोनों गांवों के ग्रामीण भी एक मत है फिर प्रशासन इमलिया हसन से ग्राम चौकी आराध्य खेड़ापति हनुमानजी की प्रतिमा लाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहा है जबकी हमेशा इमलिया में विवादित स्थिति निर्मित होती रहती है इस बावजूद प्रशासन कुछ भी सुनने को तैयार नही है जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी अश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। इस मामले मेें नायब तहसीलदार अर्पित मेहता का कहना है की भूख हड़ताल अवैध है कुछ लोग तहसील कार्यालय के सामने बैठे है हमारे द्वारा टेंट और माइक लगाने की अनुमति नही दी है। दोराहा थाना टीआई राजेश सिंहा का कहना है की कुछ लोग बैठे है उनकी कोई प्रतिमा स्थानांतरण की मांग है।

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