- माता पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए कठिन तप और त्याग किया

सीहोर। शहर के बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में अग्रवाल महिला मंडल और मध्यप्रदेश अग्रवाल महासभा के संयुक्त तत्वाधान में जारी पांच दिवसीय शिव महापुराण के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित राघव मिश्रा ने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देव-ऋषि की वाणी झूठ नहीं होती है। पार्वती राजा हिमालय के घर पैदा हुई। जन्म के समय ही महर्षि नारद ने भविष्यवाणी की थी कि इसकी शादी महादेव से होगी, लेकिन इसके लिए कठिन तप की जरूरत है। कथा का सार बताते हुए उन्होंने कहा कि माता पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए कठिन तप और त्याग किया। इसी तरह हमारी भारतीय संस्कृति में औरत को त्याग और समर्पण की भावना रखनी चाहिए। हमारा कर्तव्य बस इतना है कि हम अपनी श्रद्धा भगवान शिव को समर्पित करें। अपनी पूजा में भगवान शिव से वैभव, धन समृद्धि, गाड़ी, बंगला के बजाय भगवान का साथ मांगिये जब बाबा आपके साथ होंगे तो सारी चीजें आपको प्राप्त हो जाएगी। माता पिता गुरु कभी भेद नहीं करते भेद की दृष्टि हमारे मन की उपज है। पांच दिवसीय कथा में श्रद्धालुओं आ रहे है और मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे श्रद्धालुओं को शिव पुराण में वर्णित प्रसिद्ध शिव भक्तों के जीवन चरित्र, भक्ति के संबंध में कथा का वाचन किया। शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है।
शिव का पूजन और अभिषेक करने से जाने-अंजाने होने वाले पापों से भी शीघ्र ही छुटकारा
पंडित राघव मिश्रा ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा-उपासना करता है, तो भगवान शिव उसके सभी प्रकार के और चिंताओं को दूर कर देते है। शिवलिंग की पूजा करने का विधान है, क्योंकि लिंग सृष्टि का आधार है और शिव विश्व कल्याण के देवता हैं। व्रत रखने और आराधना से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते है। इसलिए शिव-शक्ति की साधना सर्व कल्याणकारी एवं सर्व मंगलकारी होती है। उन्होंने अभिषेक के महात्म्य को बताते हुए कहा कि मन, कर्म तथा वाणी से परम पवित्र तथा सभी प्रकार की आसक्तियों से रहित होकर भगवान शूलपाणि की प्रसन्नता के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। ताकि भगवान शिव की कृपा सदा आप पर बनी रहे। शिव का पूजन और अभिषेक करने से जाने-अंजाने होने वाले पापों से भी शीघ्र ही छुटकारा मिल जाता है।
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