दिल्ली (रजनीश के झा) । एक साहित्यिक कार्यक्रम में लेखिका अंकिता जैन की पुस्तकों पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन गौतम राजऋषि ने किया। इस दौरान साहित्य प्रेमियों और लेखकों ने पुस्तक की विषयवस्तु पर अपने विचार रखे। 'बहेलिए' को पढ़ते हुए मैं चकित हुआ – इस कथन के साथ एक वक्ता ने पुस्तक की कहानियों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस संग्रह में कुल सात कहानियां शामिल हैं, जो पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती हैं। कार्यक्रम में अपनी लेखन प्रक्रिया साझा करते हुए अंकिता जैन ने कहा, "मैं पहले किरदार गढ़ती हूँ। ऐसा लगता है कि मेरे दो कहानी संग्रह हैं, लेकिन उनके शीर्षकों से संबंधित कोई कहानी नहीं है। लिखना पहले खुद के लिए होता है, बाद में पाठकों के लिए। इस पुस्तक में सिर्फ मेरा अनुभव नहीं, बल्कि मेरे जैसी तमाम महिलाओं का अनुभव भी शामिल है।" पूनम अरोड़ा ने लेखिका की लेखनी की प्रशंसा करते हुए कहा, "अंकिता की आवाज़ में शोर नहीं, लेकिन उसमें एक ऐसा आकर्षण है जो पाठकों को अपनी ओर खींचता है।" कार्यक्रम के अंत में मीरा जौहरी ने सभी उपस्थित साहित्य प्रेमियों और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
बुधवार, 12 फ़रवरी 2025
दिल्ली : लेखिका अंकिता जैन की पुस्तकों पर गहन चर्चा
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