- प्राण-प्रतिष्ठा में घी और शक्कर की आहुति देकर आज किया जाएगा यज्ञ
सीहोर। यज्ञ से ही सबका कल्याण होता है। यज्ञ से ही सभी जीवों की उत्पत्ति होती है। जब यज्ञ में आहुति दी जाती है तब धुंआ निकलता है। धुंआ से बादल बनता है और बादल से वर्षा होती है। फिर वर्षा से फसल की उत्पत्ति होती है। फिर सभी जीवों की उत्पत्ति होती है। भगवान की भी उत्पत्ति यज्ञ से ही हुई है यदि यज्ञ न हो तो मेरी भी और आपकी भी उत्पत्ति नहीं होगी। यज्ञ ऐसी चीज है जिससे समस्त प्राणियों का ही नहीं विश्व के सभी प्राणियों का कल्याण होता है। उक्त विचार शहर के नगर पालिका के समीपस्थ श्री चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर समिति के तत्वाधान में जारी सात दिवसीय महायज्ञ एवं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित चेतन उपाध्याय ने कहे। बुधवार को सुबह नित्य पूजन, मंडल स्थापना और जलाधिवास आदि की धार्मिक क्रिया यज्ञ आचार्य नगर पुरोहित पंडित पृथ्वी वल्लभ दुबे के सानिध्य में किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे से मुख्य मनोरथी ओम राय, नंदकिशोर शर्मा, अंकुर नामदेव, उमेश अग्रवाल, सुनी वंदनाधारी आदि शामिल थे।
पंडित श्री उपाध्याय ने कहाकि कृषि और ऋषि का बहुत प्राचीन संबंध है। सिर्फ ब्राह्मणों का ही यज्ञ नहीं है बल्कि यज्ञ में हर वर्ण के लोग जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्य एवं शूद्र चारों वर्णों का इसमें रोजगार लगता है। यह जो यज्ञ हो रहा है इसमें सभी लोगों का रोजगार लगा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोहर राय ने बताया कि गुरवार को प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत तीसरे दिन घी और शक्कर की आहुति देकर यज्ञ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राचीन मंदिर में भगवान शंकर आदि की प्राण-प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। समिति और सभी क्षेत्रवासियों के सहयोग से धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया जा रहा है, उन्होंने श्रद्धालुओं से महोत्सव में शामिल होने की अपील की।
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