- युवाओं को विदेशी दुषित मानसिकता से बचाने के लिए संत श्री आशाराम बापू के आश्रम में मनाया गया मातृपितृ पूजन
नगर पालिका अध्यक्ष विकास पिं्रस राठौर ने कहा की संत श्री आशाराम बापू कारागार में थे तब भी योग वेदांत सेवा समिति, महिला उत्थान, मंडल बाल संस्कार केंदों के माध्यम से सेवा कार्य निरंतर चलते रहे है। मातृपितृ पूजन से संतानों को जहां सेवा की शिक्षा मिलती है तो वही हमारी श्रेष्ठ पारंपराओं की जानकारी भी मिलती है। संत महात्माओं के तपोबल से ही है हमारी सनातन संस्कृति अबतक सुरक्षित है संतश्री ने लाखों युवाओं को पश्चात संस्कृति से बचाया है वह हमारे हमेशा प्ररेणा स्त्रोत बने रहेंगे। वरिष्ठ साधक योग वेंदात सेवा समिति सरंक्षक सुदर्शन राय और बाबूभाई मिस्त्री ने अपने उदबोधन में कहा की बीते बीस सालों से आश्रम में तुलसी पूजन, मातृपितृ पूजन, युवा शक्ति संवर्धन, दीक्षा शिक्षा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। सनातन धर्म को सहेजने में सभी का सहयोग मिल रहा है योग वेंदात सेवा समिति अध्यक्ष केके विश्वकर्मा ने कहा की साधक साधिकाओं के साथ आश्रम में निर्माण कार्य भी जारी है बच्चों को ज्ञान विज्ञान संस्कारों की शिक्षा आश्रम से मिल रही है यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। संगीतमय ऑनलाईन दिशा निर्देशों के साथ बच्चों ने पहले माता पिता को फूलों की माला पहनाई मिठाई खिलाई और तिलक किया बच्चों को प्रेम स्नेहा दिया। माता पिता ने अपने बच्चों को लगा से लगाया और लम्बी आयू के साथ उज्जवल भविष्य का आशिर्वाद दिया। तत्पश्चात बच्चों ने माता पिता के चरण स्पर्शकर जीवन भर सेवा करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में कुलभूषण बग्गा,दुष्यंत दासवानी,महिपाल दासवानी, कमल माहोर,अंकित भाटी, अभिषेक पांडे, महेश प्रजापति, हरीश प्रजापति, रघुवीर सिंह परिहार, चंदर सिंह ठाकुर, शिव कुमार याज्ञिक सहित बड़ी संख्या में साधक परिवार के सदस्य एवं श्रद्धालुजन शामिल रहे आरती प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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