- महाकुंभ में गंगा जी का जल नहाने के लिए बिल्कुल ठीक है। एनजीटी ने स्वयं कहा है उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट लेटेस्ट नहीं है
- बाबा विश्वनाथ धाम कारीडोर बनने से पहले 2021 में काशी में आने वाले पर्यटकों की संख्या 30 लाख 78 हजार थी और दिसम्बर 2021 से 2024 तक काशी में आने वाले पर्यटकों की संख्या 11 करोड़ हो गयी
एक सवाल के जवाब में सपा मुखिया अखिलेश यादव को घेरते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इनके मन में मैला है महाकुंभ के जल में गंदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ अपने आखिरी पड़ाव पर है। 26 फरवरी, महाशिवरात्री के दिन महाकुंभ समाप्त हो जाएगा। पवित्र त्रिवेणी संगम में अब तक 62 करोड़ लोगों ने आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। लेकिन महाकुंभ को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव, ममता बनर्जी व लालू यादव सनातन विरोधी बयान देने से बाज नहीं आ रहे। यह उनकी तुक्ष्छ मानसिकता ही है कि पवित्र संगम जल को प्रदूषित सहित मृत्यु कुभ तक कहा जा रहा है। सड़क से लेकर सदन तक यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन अखिलेश यादव ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और एनजीटी की रिपोर्ट के हवाले से अनर्गल अलाप कर रहे है। जबकि महाकुंभ में गंगा जी का जल नहाने के लिए बिल्कुल ठीक है। जबकि एनजीटी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट लेटेस्ट रिपोर्ट नहीं है। अखिलेश यादव तो पढ़े लिखे हैं। अगर 1 फीसदी श्रद्धालु भी स्नान के बाद बीमार पड़े होते तो 62 लाख लोगों के बीमार हो जाने से देश में हाहाकार मच जाता। ये वही लोग है जो हिंदू और सनातन धर्म को कोई डेंगू, बैक्टीरिया और कोरोना कहता था। डा सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग हमेशा संदेह में जीवित रहते हैं, जिन्हें कोरोना वेक्सीन भाजपा की वेक्सीन नजर आती है, जिन्हें श्रीराम मंदिर के मूहुर्त में संदेह था, 2023 में तमिलनाडु में हिंदू धर्म के समूल नाश पर विचार गोष्ठी आयोजित करते हैं, जो वैश्विक स्तर पर हिंदू धर्मग्रंथों को जलाने का कार्य करते हैं, कुंभ की घटना को लेकर उनके मन में संवेदना नहीं, बल्कि राजनीतिक संतुष्टि के भाव हैं। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा जहां राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अस्मिता के लिए खड़ी है, विपक्षी दल अपने राजनीतिक नफे नुकसान को तौलने में व्यस्त हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने बजट पर भी सरकार की खूबिया गिनाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी वर्ग ने जितनी अपेक्षा की हो वास्तव में उसे उससे भी अधिक प्राप्त हुआ हो. अगर भारत को विकसित भारत बनना है तो हमें क्लीन एनर्जी द्वारा अपनी ऊर्जा की आवश्यकता को पूर्ण करना होगा. इस बजट में शहरी विकास को नई ऊंचाई देने के लिए व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पिछले दस वर्षों में दृढ़ता के साथ प्रगति की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का जो संकल्प रखा है उसको पुरा करने के लिए 2025-26 का बजट इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। समाज के सभी वर्गों के लिए विशेषकर मध्यम वर्ग जिसने जितनी अपेक्षा की थी उसे उससे भी ज्यादा प्राप्त हुआ है। 12 लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। किसानों के लिए ऐसे 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां पर कि उत्पादन कम होता है, उसे चिन्हित किया गया है। इससे 1 करोड़ 70 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड की लीमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी गयी है। 2047 तक न्यूक्लियर एनर्जी के जरिए 100 गिगा वाट के प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा की दृष्टि से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। तीन क्षेत्र एग्रीकल्चर, हेल्थ और एजुकेशन जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बजट में 6 बिंदुओ पर विशेष ध्यान आकर्षित किया गया है। अर्बन डेवलपमेंट, पावर, माइनिंग, टेक्सेशन, रिफार्म और फाइनेंशियल सेक्टर प्रमुख हैं। बजट में शहरी विकास के लिए लगभग 1 लाख करोड़ की व्यवस्था की गयी है। मूलभूत सुविधाओं के लिए 15 लाख करोड़ का केपिटल आउटले का प्रावधान है जिसमें सड़क, रेल बंदरगाह, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। भारत के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सेंकेडरी स्कूलों को ब्राड बैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। कैंसर जैसी बीमारी में काम आने वाली 36 दवाइयों के उपर से इम्पोर्ट ड्यूटी हटाई गयी है। बैंकों में जमा धन पर एक लाख तक के ब्याज पर अब टीडीएस नहीं कटेगा। किराए से होने वाली आय पर टीडीएस की कटौती 2 लाख 40 हजार की जगह 6 लाख कर दी गयी है। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारीशक्ति इसका विकास कैसे हो सके इसको ध्यान में रखकर इस बजट को प्रतिपादित किया गया है। एक्साइज ड्यूटी में 15 की जगह 7 स्लेब कर दिए गये है। हेल्थ केयर के लिए एक लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। डिफेंस सेक्टर का बजट बढ़ाया गया है ताकि रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन सके। कहा कि ये सब तब हो रहा है जब वैश्विक आर्थिक परिस्थिति प्रतिकूल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बजट में बहुआयामी विकास का एक खाका प्रस्तुत किया है और समाज के सभी वर्गों को उर्जा देने की बात की गयी है। आईएमएफ की चीफ क्रिस्टलिना जार्जीवा कहती हैं कि अगले वर्ष भारत का विश्व के विकास में योगदान 15 प्रतिशत होगा और भारत विश्व के ग्रोथ में सबसे ज्यादा कंट्रीब्यूशन करने वाले ग्रोथ इंजन के रुप में उभरकर सामने आएगा। त्रिवेदी ने कहा कि विपरीत एवं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चौथे सबसे बड़े स्टाक एक्सचेंज है। तीसरे सबसे बड़े आटोमोबाइल के मेन्यूफेक्चरर है। दूसरे सबसे बड़े मोबाइल हैंडसेट कै मेन्यूफेक्चरर है और डीजिटल ट्रांजेक्शन में भारत दुनिया का एक नम्बर देश बना हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में हमारा इन्वेस्टमेंट अमेरिका से भी ज्यादा है। काशी में बढ़ते पर्यटन और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि पर पुछे गये सवाल पर डा सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व काशी विश्वनाथ कारीडोर 2021 में बना। कारीडोर बनने से पहले 2021 में काशी में आने वाले पर्यटकों की संख्या 30 लाख 78 हजार थी और दिसम्बर 2021 से 2024 तक काशी में आने वाले पर्यटकों की संख्या 11 करोड़ हो गयी है। आजादी के बाद से 2023 तक देश में आने वाले सर्वाधिक पर्यटक आगरा में ताजमहल देखने जाते थे। लेकिन अब अयोध्या में भगवान श्री राम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर को देखने के लिए आते हैं। पहले पूर्वांचल में मात्र दो एयरपोर्ट थे अब पांच हो गये है। कहा कि अब आर्थिक दृष्टि से ही नहीं सांस्कृतिक दृष्टि से भी भारत का उत्थान हो रहा है। पत्रकार वार्ता में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह प्रभारी संतोष सोलापुरकर, ई अशोक यादव, शैलेन्द्र मिश्रा आदि मुख्य रुप से उपस्थित रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें