नई दिल्ली (रजनीश के झा)। हिंदी साहित्य के प्रख्यात रचनाकारों—राहुल सांकृत्यायन, उग्र, सुदर्शन, जयशंकर प्रसाद और रवींद्रनाथ टैगोर—की श्रेष्ठ कहानियों की शृंखला पर विश्व पुस्तक मेले में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। राजपाल एंड संज़ के स्टॉल पर संगोष्ठी में कथाकार उमाशंकर चौधरी ने राजपाल एंड सन्स को इस पुनर्प्रकाशन के लिए बधाई दी और सुदर्शन की प्रसिद्ध कहानी ‘हार की जीत’ को काशीनाथ सिंह की कहानी से जोड़ते हुए इसे मानवता की कहानी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘चॉकलेट’ कहानी संग्रह के विवाद के चलते सुदर्शन की अन्य महत्वपूर्ण कहानियां हाशिए पर चली गईं। कहानी और हिन्दी के प्रोफेसर आशुतोष ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी रचना का मूल्यांकन उसकी प्रासंगिकता के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने राहुल सांकृत्यायन की कहानियों को ऐतिहासिक घटनाओं के साथ जोड़ते हुए कहा, “साहित्य के बिना इतिहास बंजारा और इतिहास के बिना साहित्य आवारा हो जाएगा।” इस दौरान कहानीकार प्रवीण कुमार ने उग्र की चर्चित कहानी ‘चॉकलेट’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक सहज प्रवाह में लिखी गई कहानी है, जिसमें सेक्सुअलिटी के मुद्दे को रेखांकित किया गया है। कार्यक्रम का संचालन युवा शिक्षक डॉ असीम अग्रवाल ने किया। उन्होंने राहुल सांकृत्यायन के लेखन की विशेषता को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके साहित्य में इतिहास और घटनाएं गहरे रूप में घुली-मिली होती हैं। इस साहित्यिक आयोजन में कई विद्वानों और साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया और हिंदी कथा साहित्य की महान विरासत पर विचार-विमर्श किया। आयोजकों ने बताया कि इस पुनर्प्रकाशन का उद्देश्य इन कालजयी कहानियों को आज के पाठकों तक पुनः पहुंचाना है। अंत में मीरा जौहरी ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

दिल्ली : विश्व पुस्तक मेले में विचार गोष्ठी का आयोजन
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