दिल्ली (रजनीश के झा)। प्रसिद्ध प्रकाशन संस्थान राजपाल एंड संज़ द्वारा ब्रिगेडियर सुशील तंवर के कहानी संग्रह मुखबिर के द्वितीय संस्करण पर एक विशेष परिचर्चा और संवाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लेखक, साहित्यकार और पाठकों ने पुस्तक की विषय-वस्तु और उसके प्रभाव पर चर्चा की। प्रोफेसर और राजनीति विज्ञानी अनिरुद्ध प्रसाद ने इस मौके पर कहा, "मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे इस मंच पर बोलने का अवसर मिला। सुशील तंवर की कहानियाँ बेहद रोचक और प्रभावशाली हैं। इन्हें पढ़ते हुए प्रेमचंद की लेखनी की याद आ जाती है। ये कहानियाँ प्रेरणादायक हैं और दर्शाती हैं कि आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग भी लड़ रहे हैं।" ब्रिगेडियर सुशील तंवर ने अपने वक्तव्य में बताया कि इस संग्रह की सभी कहानियाँ कश्मीर में घटी वास्तविक घटनाओं से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, "यह केवल कश्मीर की वादियों की कहानियाँ नहीं हैं, बल्कि वहां के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों और सेना के बीच बने संबंधों को भी उजागर करती हैं। यह संग्रह उन स्थानीय नागरिकों को समर्पित है जो सेना के साथ मिलकर काम करते हैं और उनकी मदद करते हैं। संग्रह में कुल सत्रह कहानियाँ हैं, जो मेरे और मेरे साथियों के अनुभवों पर आधारित हैं।" परिचर्चा के अंत में मीरा जौहरी ने इस संवाद को बेहद ज्ञानवर्धक बताया और दोनों वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
बुधवार, 12 फ़रवरी 2025
दिल्ली : ब्रिगेडियर सुशील तंवर के कहानी संग्रह ‘मुखबिर’ के द्वितीय संस्करण पर परिचर्चा
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