दरभंगा : एमएसएमई - उद्यमिता विकास सत्र डीसीई दरभंगा में आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

दरभंगा : एमएसएमई - उद्यमिता विकास सत्र डीसीई दरभंगा में आयोजित

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दरभंगा (रजनीश के झा)। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (डीसीई) में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के सहयोग से एक विशेष उद्यमिता विकास सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता के महत्व को समझाना, उन्हें व्यवसाय आरंभ करने के लिए प्रेरित करना और एमएसएमई द्वारा उपलब्ध योजनाओं और संसाधनों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।  


सत्र की मुख्य विशेषताएं और वक्ताओं के विचार : श्री अतुल कुमार मिश्रा ने सत्र की शुरुआत करते हुए कहा, "आज के युवाओं को पारंपरिक नौकरी की सोच से आगे बढ़कर उद्यमशीलता की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। एमएसएमई का उद्देश्य युवाओं को सही दिशा और संसाधन प्रदान करना है, जिससे वे अपने विचारों को व्यवसाय में परिवर्तित कर सकें।" उन्होंने एमएसएमई की योजनाओं और अनुदान प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा की। श्री सी.एस.एस. राव ने अपने वक्तव्य में कहा, "हमारे देश के विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युवा उद्यमियों को प्रेरित करने और उनकी मदद करने के लिए एमएसएमई हमेशा तैयार है। छात्रों को चाहिए कि वे इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं।" श्री कामेश्वर चौधरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को उद्यमशीलता के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "सफलता के लिए समर्पण और सही मार्गदर्शन आवश्यक है। जो छात्र नए विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें एमएसएमई का सहयोग अवश्य लेना चाहिए।" श्री शिव शंकर शुक्ला ने कहा, "हर बड़ा व्यवसाय एक छोटे विचार से शुरू होता है। यह जरूरी है कि आप अपने पहले कदम को आत्मविश्वास के साथ उठाएं। सही योजनाओं और प्रशिक्षण से आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।"


SLIM मॉडल: एक संरचित उद्यमिता दृष्टिकोण : श्री अनिल कांत चौधरी, जो विप्रो टेक्नोलॉजीज के पूर्व गुणवत्ता प्रमुख रह चुके हैं, ने SLIM मॉडल (Sequential Layered Iterative Model) पर विस्तृत चर्चा की। यह मॉडल उद्यमिता और व्यवसाय प्रक्रियाओं को सरल बनाने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि यह मॉडल संरचित स्तरों में प्रक्रिया को विभाजित करता है, जिससे व्यवसाय संचालन अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित हो जाता है। उन्होंने छात्रों को समझाया कि इस मॉडल का पालन करके वे अपने स्टार्टअप को बेहतर तरीके से संचालित कर सकते हैं और जोखिमों को कम कर सकते हैं।  


डीसीई के प्राचार्य का संदेश : डीसीई के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, "उद्यमिता केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमारे छात्रों को इन मंचों का उपयोग कर अपने करियर को सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। डीसीई हमेशा अपने छात्रों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।" सत्र में छात्रों और शिक्षकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। छात्रों ने एमएसएमई के साथ साझेदारी के अवसरों के बारे में सवाल पूछे और उनके समाधान प्राप्त किए। वक्ताओं ने छात्रों को उद्योग जगत की चुनौतियों और अवसरों के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम के अंत में, प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने छात्रों से आह्वान किया कि वे उद्यमिता को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ें। इस कार्यक्रम ने छात्रों को व्यवसाय और नवाचार की ओर प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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