उद्घाटन समारोह के दौरान बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने छात्रों को संबोधित करते हुए "श्रद्धावान् लभते ज्ञानम्" का उल्लेख किया और इस श्लोक के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि श्रद्धा, समर्पण और निरंतर प्रयास से ही सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है। उनका पूरा भाषण इस मूल विचार पर केंद्रित था कि छात्र अगर समर्पण और जिज्ञासा के साथ ज्ञान प्राप्त करेंगे, तो वे न केवल अपने करियर में बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगे। टीम स्पेसबी में बिरबल कुमार (टीम लीडर, 5वां सेमेस्टर, कंप्यूटर साइंस), गौतम कुमार साह (5वां सेमेस्टर, कंप्यूटर साइंस), अश्विनी कुमारी (3रा सेमेस्टर, साइबर सिक्योरिटी) और कुमारी अर्चना सिन्हा (3रा सेमेस्टर, साइबर सिक्योरिटी) शामिल थे। इन छात्रों ने अपनी नवीन सोच और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करते हुए जटिल समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए, जिससे उन्हें यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई। DCE दरभंगा के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने टीम स्पेसबी को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता छात्रों की मेहनत और संस्थान के उत्कृष्ट शिक्षण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के हैकाथॉन में DCE की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया था और इस बार द्वितीय स्थान पर पहुंचना यह दर्शाता है कि छात्र लगातार प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में छात्र इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थान का नाम रोशन करेंगे।
इस उपलब्धि पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने भी खुशी जाहिर की। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में तकनीकी नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ऐसे वातावरण का निर्माण कर रही है, जिससे छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिले। DCE दरभंगा छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित कर रहा है और उन्हें नवाचार व शोध के लिए प्रेरित कर रहा है। संस्थान भविष्य में और भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय तकनीकी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करेगा, जिससे वे अपनी क्षमताओं का और अधिक विकास कर सकें। टीम स्पेसबी की यह उपलब्धि बिहार के तकनीकी संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत है और यह दर्शाती है कि श्रद्धा, समर्पण और परिश्रम से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। दरभंगा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के छात्र अपने नवाचार और तकनीकी प्रतिभा से राज्य और देश का नाम रोशन करते रहेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें